नई दिल्ली: योग दिवस मनाने को लेकर प्रधानमंत्री की अपील और इस संबंध में उनके शब्दों से प्रेरित होकर भारतीय नौसेना ने भी 21 जून, 2015 को पूरे जोश-खरोश के साथ योग दिवस मनाने का फैसला किया है। (प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, ‘योग प्राचीन भारतीय परंपरा द्वारा दिया गया बहुमूल्य उपहार है। उन्होंने कहा था ‘यह व्यायाम नहीं, बल्कि यह अपने, दुनिया तथा प्रकृति के भीतर अपनत्व की भावना को तलाशना है।
योग दिमाग और शरीर की एकता, विचार और कार्रवाई, संयम और निर्वाह, व्यक्ति और प्रकृति के बीच सद्भाव, स्वास्थ्य एवं कल्याण के प्रति समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।’ उन्होंने कहा, ‘जीवनशैली में बदलाव करके और चेतना पैदा करके यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में हमारी मदद कर सकता है।’) इस दिन नौसेना अपने समुदाय को योग करवाने और इसकी अहमियत से अवगत करवाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेगी, ताकि नौसैन्यकर्मी इसमें शिरकत करके अधिक से अधिक स्वास्थ्य संबंधी लाभ उठा सकें।
योग दिवस को आयोजित कर नौसेना अपने कर्मियों को योग की ओर प्रोत्साहित कर इसे उनकी जिंदगी का हिस्सा बनाना चाहती है। नौसेना चाहती है कि उसके कर्मी अपने और परिजनों के मस्तिष्क, शरीर, भावना और ऊर्जा के बीच सद्भाव को प्राप्त करने और स्वस्थ व खुशहाल जीवन के लिए योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
भारत और उससे बाहर जगह-जगह फैली हुई नौसेना इकाइयों को एक संदेश के माध्यम से पहले योग दिवस की अहमियत और उसके आचरण के बारे में बता दिया गया है। पश्चिम में भूमध्यसागर, पूर्व में पश्चिमी प्रशांत महासागर और दक्षिण में दक्षिणी हिंद महासागर में तैनात भारतीय नौसेना की इकाइयां अनूठे तरीके के साथ योग दिवस मनाएंगी। जगह-जगह फैले नौसेना के जहाजों पर योग सत्र पूर्व निर्धारित समय सुबह 7 (स्थानीय समय के मुताबिक) बजे से शुरू होगा। इसी वक्त दिल्ली के राजपथ पर भी योग कार्यक्रम आयोजित होगा। प्रशांत महासागर से भूमध्यासगर के बीच टाइम जोनों में सूर्य के चलने के साथ-साथ नौसेना के कर्मी भी योग करते रहेंगे।
इसके अलावा नेवी स्कूलों, सामुदायिक सुविधाओं और कल्याणकारी केंद्र समेत सभी नौसेना इकाइयों में बुनियादी आसन सिखाए जाएंगे जिसमें बड़ी संख्या में नौसैन्यकर्मी शामिल होंगे। यहां उन्हें योग्य योग प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उन्हें इस दीर्घकालीन स्वास्थ्य लाभ मिल सके। भारत सरकार द्वारा जारी कॉमन योग प्रोटोकॉल से लिए गए हैडआउट्स, जिसमें बुनियादी योगसन की जानकारी होगी, को भी बड़ी संख्या में वितरित किया जाएगा। बच्चों को इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए सभी नेवी स्कूलों में पेंटिग और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
हालांकि 21 जून, 2015 को आयोजित गतिविधियों का उद्देश्य नौसेना समुदाय के बीच योग को लेकर जागरूकता फैलाना होगा, लेकिन इन गतिविधियों में वह कार्य योजना भी शामिल होगी जिसके तहत योग को दीर्घकाल के लिए स्थायी तौर पर अपनाया जाएगा। इसमें योग को जहाजों व प्रतिष्ठानों पर रोजाना होने वाले शारीरिक प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया जाना शामिल हैं। इसके अलावा इस एक्शन प्लान में विभिन्न स्तरों पर योग प्रशिक्षकों के नेतृत्व में कई कार्यक्रम आयोजित किया जाना भी शामिल है। प्रशिक्षण संस्थानों में योग मोड्यूल्स को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने और देश भर में फैले नेवल स्टेशनों पर योग केंद्र स्थापित किए जाने की कोशिश भी की जा रही है।
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