नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि गोवा, पश्चिम बंगाल, लक्षद्वीप, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुद्दुचेरी और अंडमान-निकोबार द्वीप सहित सात तटवर्ती राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में जल्दी ही 34 और तटीय पुलिस थाने काम करने लगेंगे।
श्री राजनाथ सिंह आज गोवा में पणजी में गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में तटीय, तट से दूर और देश की तटीय सीमा से बाहर समुद्र सहित समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
गृह मंत्री ने कहा कि भारत की सुरक्षा योजना में तटवर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है और समुद्री तट सदियों से हमारी भौगोलिक सीमाओं को परिभाषित करते हैं। हमारी तटरेखाओं की संवेदनशीलता उस समय सामने आई जब 1993 में मुंबई में बम धमाकों में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों को तस्करी से समुद्र के रास्ते लाने का पता चला। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादी हमला करने के लिए 2008 में मुंबई पहुंचे, उन्होंने समुद्र मार्ग का इस्तेमाल किया और तब से अपनी समुद्री रेखा को सुरक्षित रखने के लिए केन्द्र ने अनेक कदम उठाए हैं। भारत की तटरेखा 7,516 किलोमीटर लंबी है और उसके तट पर अनेक महत्वपूर्ण शहर और सामरिक ठिकाने स्थित हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा तटीय सुरक्षा नेटवर्क त्रिस्तरीय प्रणाली है जिसमें भारतीय नौसेना, तटरक्षक और समुद्री पुलिस शामिल हैं और हमने सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल कायम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय तट रक्षक को मजबूत करने के अंतर्गत, गांधीनगर और कोलकाता में दो नये क्षेत्रीय मुख्यालय स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा पोर्ट ब्लेयर, पुद्दुचेरी और कावारत्ती में तीन नये जिला मुख्यालय बनाए गए हैं। तट रक्षक महानिदेशक को तटीय कमान का कमांडर मनोनीत किया गया है और एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए सभी साझेदारों के साथ विचार-विमर्श कर तट रक्षकों ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है। इन एसओपी के आधार पर, सभी तटवर्ती राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में अनेक संयुक्त अभ्यास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने देश में तटीय पुलिस थानों के कामकाज पर विस्तृत एसओपी तैयार किए हैं।
तटीय सुरक्षा पहलों के बारे में, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तटीय सुरक्षा के लिए केन्द्र और राज्य की एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए, समुद्री और तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के बारे में राष्ट्रीय समिति विभिन्न प्रस्तावों और समुद्री और तटीय सुरक्षा से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मसलों को समय पर लागू करने की समीक्षा करेगी। उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों तथा तटवर्ती राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच प्रभावी तालमेल की आवश्यकता व्यक्त की।
सभी सदस्यों ने इस विषय पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके सुझावों को नोट कर लिया गया है और उन पर गौर करने के बाद उन्हें अमल में लाया जाएगा।
बैठक में गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजीजू, लोकसभा सदस्य डा. भगीरथ प्रसाद, श्रीमती गीता कोथापल्ली, श्री हरिचन्द्र देवराम चव्हाण, श्री हुकुम सिंह, श्री नलिन कुमार कटील, श्री तारिक हमीद कारा, डा. थोकचोम मीन्या और श्री मोहम्मद अली खान, राज्य सभा सदस्य श्री शांताराम नाईक, श्री शरद पवार शामिल हुए। केन्द्रीय गृह सचिव श्री एल.सी. गोयल गृह मंत्रालय और भारतीय तट रक्षक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल हुए।