लखनऊ: सेंट्रल फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट एवं उत्तर प्रदेश पशुधन विकास बोर्ड और केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मथुरा के द्वारा एक दिवसीय बकरी एवं भेड़ उधमिता सेमीनार का आयोजन दिनांक १२ जून २०१८ को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बौद्ध स्टडीज, गोमती नगर के सभागार में किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री एस. पी. सिंह बघेल मंत्री पशुपालन विभाग, मत्स्यपालन विभाग के द्वारा किया गया। संगोष्ठी के दौरान डॉ0 अनीस अंसारी, पूर्व एपीसी उत्तर प्रदेश सरकार और अध्यक्ष कार्ड, डॉ एम. एस. चैहान, निदेशक.केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, डॉ एस.के. श्रीवास्तव, निदेशक पशुपालन विभाग श्री डी.बी. सिंहए, क्षेत्रीय प्रबंधक, ओरिएंटल बीमा कंपनी श्री डी.आर.सिंह, एजीएम, नाबार्ड भी मौजूद थे।
बकरी पालन के वर्तमान परिदृश्य को पेश करते समय, श्री बघेल ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में मांस दर में 100 प्रतिशत की वृद्धि और मांस की मांग में वृद्धि ने बकरी उधमिता के लिए बड़ी क्षमता पैदा की है। यह पारंपरिक रूप से कुछ जातियों तक सीमित था, लेकिन अब सभी सामाजिक बन्धनों के टूटने से इस क्षेत्र को विकसित करने और निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बेरोजगार लोगांे को इसको अपनाने और इसे और विकसित करने के लिए आगे आने के लिए कहा।
डॉ अंसारी ने कहा कि दुनिया की लगभग 94 प्रतिशत आबादी मांस खाने वाली है, जबकि लगभग 70 प्रतिशत आबादी उत्तर प्रदेश की मांस खाने वाली है। उत्तर प्रदेश सरकार को इस क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए। डॉ एम.एस. चैहान ने संबोधित करते हुए कहा कि सीआईआरजी इस क्षेत्र में उद्यमशीलता पैदा करने के लिए एक प्रमुख भूमिका निभा रही है। संस्थान ने राज्य में कई वाणिज्यिक बकरी केंद्र की स्थापना की है, जो पूरी तरह से प्रशिक्षित उद्यमियों के स्वामित्व में हैं। बुंदेलखंड में कई परियोजनाओं को भी शुरू किया गया है।
ओरिएंटल इंश्योरेंस से श्री डी बी सिंह ने कहा कि ओरिएंटल बीमा कंपनी बकरी एवं भेड़ के क्षेत्र में काफी दिनों से कार्य कर रही है। इस क्षेत्र को और विकसित करने की जरुरत है।