केदारनाथ: भगवान केदारनाथ धाम के कपाट 3 मई को मिथुन लग्न में सुबह 8.50 बजे देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में महाशिवरात्रि के पवित्र मौके पर यह शुभ मुर्हूत निकाला गया। बदरी-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी आचार्य की मौजूदगी में केदारनाथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग ने इस शुभ मुर्हूत की घोषणा की।शुक्रवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई। मंदिर के रावल ने 3 मई को बाबा केदार के कपाट खुलने की तिथि घोषित की तो भक्तों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। जय बाबा केदार के जयघोषों के साथ सभी ने बाबा से सुख शांति की प्रार्थना की। बाबा केदार की डोली 30 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर से केदारधाम के लिए प्रस्थान करेगी। इस मौके पर बीकेटीसी के सीईओ बीडी सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे।
ऊखीमठ से 30 को रवाना होगी बाबा की डोली
भगवान केदारनाथ की चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से 30 अप्रैल को रवाना होगी। तीन दिन की पैदल यात्रा के बाद डोली केदारधाम पहुंचेगी, जहां विधि-विधान और मंत्रोचार के साथ बाबा केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे।30 अप्रैल को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से सुबह पूजा अर्चना के बाद बाबा केदार की उत्सव डोली केदारधाम को रवाना होगी। अपने भक्तों के साथ डोली पहले पड़ाव में फाटा में रात्रि विश्राम करेगी। जबकि दूसरे दिन 1 मई को डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 2 मई को सांय डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी। यहां मंदिर के पास एक निश्चित स्थान पर डोली को रखा जाएगा। 3 मई सुबह 8.50 मिनट पर केदारनाथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग मंदिर के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू करेंगे और भक्तों की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट खोलेंगे।
केदारनाथ के लिए बागेश लिंग होंगे पुजारी
भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजा करने के लिए बीकेटीसी में पुजारियों का अहम रोल है। हर बार बारी-बारी से केदारनाथ धाम में छह महीने भगवान की पूजा अर्चना की जिम्मेदारी दी जाती है। मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग ने इस सीजन में छह महीने बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना के लिए बागेश लिंग को पुजारी घोषित किया है। वह कपाट बंद होने के बाद ही केदारनाथ से ऊखीमठ वापस लौटेंगे।
साभार लाइव हिन्दुस्तान