1971 के युद्ध में भारत की जीत की 50 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्णिम विजय वर्ष की विजय ज्वाला, कमांडिंग ऑफिसर, 231 ट्रांजिट कैंप, अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) कर्नल ज्ञान पांडे द्वारा चेन्नई में एएनसी की ओर से दिनांक 31 जुलाई, 2021 को प्राप्त की गई।
यह विजय ज्वाला भारत की मुख्य भूमि
पर 3,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद भारतीय नौसेना के जहाज सुमेधा में समुद्र में 700 नॉटिकल मील (1300 किलोमीटर) की यात्रा कर दिनांक 03 अगस्त, 2021 को पोर्ट ब्लेयर पहुंचना तय है । पोर्ट ब्लेयर पहुंचने पर विजय ज्वाला को उपराज्यपाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, एडमिरल (सेवानिवृत्त) डीके जोशी द्वारा प्राप्त किया जाएगा, जो तत्पश्चात इसको एएनसी के तत्वावधान में स्मारक गतिविधियों के संचालन के लिए अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह को सौंपेंगे।
विजय ज्वाला को पोर्ट ब्लेयर, मायाबंदर, बड़ातांग, डिगलीपुर, हटबे, कार निकोबार और कैंपबेल बे शहरों में ले जाया जाएगा, जहां इसे स्थानीय रक्षा प्रतिष्ठानों की देखरेख में आगंतुकों और युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा।
विजय ज्वाला को विभिन्न स्टेशनों पर युद्ध में शामिल भूतपूर्व सैनिकों/ पूर्व सैनिकों/ युद्ध विधवाओं के बीच महत्वपूर्ण सड़कों से होते हुए विजय ज्वाला का प्रदर्शन किया जाएगा और सांस्कृतिक/ मनोरंजन कार्यक्रम, साइकिल अभियान जैसे विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
विजय ज्वाला को लैंडफॉल द्वीप समूह में भी ले जाया जाएगा, जो अंडमान एवं निकोबार कमान की तैनाती का सबसे उत्तरी बिंदु है; इसके अलावा भारत के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरेन आइलैंड और देश के सबसे दक्षिणी बिंदु इंदिरा पॉइंट पर भी विजय ज्वाला ले जाई जाएगी। यात्रा का उद्देश्य भारत की जीत और हमारे युद्ध नायकों के बलिदान का संदेश देश के सुदूर इलाकों और तटों तक प्रसारित करना है।
दिसंबर 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना पर जीत हासिल की थी, और एक नया राष्ट्र ‘बांग्लादेश’ बनाया गया था। इस जीत के परिणामस्वरूप द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण हुआ जिसमें पाकिस्तानी सेना के लगभग 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
दिनांक 16 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा विजय ज्वाला प्रज्ज्वलित करने के साथ ही ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ समारोह की शुरुआत हुई।युद्ध के सैनिकों की बहादुरी को दर्शाने वाले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की शाश्वत ज्वाला से विजय ज्योति प्रज्ज्वलित की गई थी। तब से विजय ज्वाला पूरे भारत में यात्रा कर रही है और इसकी यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ।