नई दिल्लीः सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा परिवहन पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) ने समस्त राज्यों में वाहनों के लिए एक समान रोड टैक्स ढांचे की सिफारिश की है। आज गुवाहाटी में आयोजित अपनी बैठक में जीओएम ने यह पाया कि एक समान कर ढांचे से लोगों द्वारा कम टैक्स वाले राज्यों में अपने वाहनों का पंजीकरण कराने और उन्हें अन्य राज्यों में लाकर चलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। इससे उन वास्तविक मामलों में भी आवश्यक राहत मिलेगी, जिनके तहत वाहनों का स्थानांतरण कराना आवश्यक होता है।
राजस्थान के परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान की अध्यक्षता वाला जीओएम यह चाहता है कि देश भर में सड़क परिवहन क्षेत्र के विकास में बाधक विभिन्न समस्याओं का समाधान ढूंढा जाए, ताकि सड़क सुरक्षा बेहतर हो सके तथा आवाजाही में और ज्यादा सहूलियत संभव हो सके। राज्यों के परिवहन मंत्री इस जीओएम के सदस्य हैं। गुवाहाटी में आज आयोजित इस बैठक का उद्घाटन असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया और इस दौरान ‘एक राष्ट्र-एक कर और एक राष्ट्र-एक परमिट’ प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया।
जीओएम ने माल परिवहन के लिए इस तरह के परमिट की तर्ज पर एक राष्ट्रीय बस एवं टैक्स परमिट की भी सिफारिश की है। देश में सार्वजनिक परिवहन में मात्र लगभग दो प्रतिशत की ही वार्षिक वृद्धि दर्ज की जा रही है, जबकि निजी परिवहन में 20 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की जा रही है। राष्ट्रीय परमिट से सार्वजनिक परिवहन को अपेक्षित बढ़ावा मिलेगा और सड़कों पर भीड़-भाड़ कम करने में मदद मिलेगी।
वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जीओएम ने विद्युत वाहनों के लिए परमिट प्रणाली के उदारीकरण की सिफारिश की थी। इसके अलावा, जीओएम ने डीजल वाहनों पर देय कर में 2 प्रतिशत की वृद्धि करने और विद्युत वाहनों पर देय कर घटाने की सिफारिश की है।