लखनऊ: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं समग्रता में देखा जाना चाहिए। यह बात सरकार के लिए भी सत्य है। सुशासन के लिए भी यह उपयुक्त मानदण्ड है। सुशासन, समस्याओं को सम्पूर्णता और समग्रता में सोचने और सुलझाने में है। अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश सरकार की इसी सोच को दर्शाती है। अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई को नई दिशा देगी। इस विश्वविद्यालय से चिकित्सा शिक्षा की सभी विधाओं से सम्बन्धित सरकारी, अर्द्धसरकारी निजी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का एफिलिएशन होगा। इससे इन संस्थानों में पाठ्यक्रमों व परीक्षाओं में एकरूपता लायी जा सकेगी। उनमें एक समान शैक्षणिक कैलेण्डर लागू किया जा सकेगा एवं परीक्षाएं निर्धारित समयावधि व पारदर्शी ढंग से करायी जा सकेंगी।
प्रधानमंत्री जी आज यहां लोक भवन में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश का शिलान्यास करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बटन दबाकर चिकित्सा विश्वविद्यालय के शिलापट्ट का अनावरण किया। इसके पहले, प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश सचिवालय के मुख्य भवन-लोक भवन परिसर में स्थापित पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 25 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण कर लोकार्पण किया।
लखनऊ के सांसद रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किए गए स्वागत के प्रति काशी के सांसद के तौर पर आभार व्यक्त करने के साथ प्रधानमंत्री जी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि अटल जी की जयन्ती, सुशासन दिवस के अवसर पर लोक भवन में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया है। उत्तर प्रदेश का शासन इसी भवन से चलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि अटल जी की यह भव्य प्रतिमा यहां कार्य करने वाले लोगों को सुशासन एवं लोकसेवा की प्रेरणा देगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ के सांसद के रूप में अटल जी ने रिंग रोड, पुराने लखनऊ में डेªनेज व सीवरेज की सुविधाओं का विकास, एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण, बायोटेक पार्क की स्थापना, वाल्मीकि अम्बेडकर आवास जैसी अनेक विकास परियोजनाओं के माध्यम से लखनऊ को नयी पहचान देने वाले सैकड़ों काम किए। वर्तमान में लखनऊ के सांसद रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी अटल जी की विरासत को संभाल और संवार रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इस कार्यक्रम मंे आने से पूर्व श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयन्ती के अवसर पर उन्होंने नई दिल्ली में ‘अटल भूजल योजना’ का शुभारम्भ किया है। 6000 करोड़ रुपए की इस योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सहित 07 राज्यों में भूजल के स्तर को सुधारने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ने वाली रोहतांग सुरंग का नाम अटल जी के नाम पर ‘अटल टनल’ किया गया है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में चिकित्सा के लिए सरकार का विज़न पहले दिन से स्पष्ट रहा है। हेल्थ सेक्टर के लिए एक रोडमैप है, जिसकी चार कड़ियां-प्रिवेन्टिव हेल्थ केयर, एफोर्डेबल हेल्थ केयर, सप्लाई साइड इन्टरवेंशन तथा मिशन मोड इन्टरवेंशन हैं। सप्लाई साइड इन्टरवेंशन का अर्थ इस सेक्टर की हर डिमांड को देखते हुए सप्लाई को सुनिश्चित करना तथा मिशन मोड इन्टरवेंशन का आशय स्वास्थ्य की योजनाओं को मिशन मोड पर संचालित करना है। सरकार की तमाम योजनाएं इसी रोडमैप पर संचालित होती हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रिवेन्टिव हेल्थ केयर का अर्थ है बीमारी का खर्च बचाने के लिए बीमार होने से बचना। इसके लिए जागरूकता आवश्यक है। स्वच्छ भारत अभियान, योग को प्रोत्साहन, उज्ज्वला योजना में रसोई गैस की उपलब्धता सुनिश्चित कर धुएं से मुक्ति, फिट इण्डिया मूवमेन्ट, आयुर्वेद को बढ़ावा देना आदि इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं। प्रिवेन्टिव हेल्थ केयर पर बल देने से हेल्थ सेक्टर की चिंताएं कम होती हैं। इससे संक्रामक रोगों और जीवनशैली से उत्पन्न होने वाली बीमारियां नियंत्रित होती हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में सवा लाख वेलनेस सेण्टरों का निर्माण, दूर-दराज इलाकों में टीकाकरण, पशुओं के आरोग्य के लिए कार्यक्रम का संचालन आदि प्रिवेन्टिव हेल्थ केयर की दिशा में किए गए कार्य हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हेल्थ केयर की एफोर्डेबिलिटी की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। आयुष्मान भारत योजना से अब तक देश में 70 लाख रोगियों का उपचार हो चुका है। आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर योजना है। इसके लाभार्थियों की संख्या अमेरिका, मेक्सिको, कनाडा की जनसंख्या से भी अधिक है। इस योजना के लाभार्थी वे लोग हैं, जो अपनी बीमारियों के इलाज की उम्मीद छोड़ चुके थे। आयुष्मान भारत योजना में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर इस योजना के तहत 11 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। जन औषधि योजना में सस्ती दवाईयां उपलब्ध हो रही हैं। इससे नियमित दवाईयां खरीदने वालों को प्रतिमाह अच्छी बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि स्टेन्ट और नी-कैप की कीमतें भी कम की गई हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में मेडिकल काॅलेजों की संख्या में रिकाॅर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। इसी साल देश में 75 मेडिकल काॅलेज को मंजूरी दी गई है। तीन जनपदों में एक मेडिकल काॅलेज के लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश को बड़ा लाभ हुआ है। विगत दो-तीन वर्ष में उत्तर प्रदेश में दो दर्जन से अधिक मेडिकल काॅलेजों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य समस्याओं को समाप्त करने के लिए मिशन मोड में कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। वर्ष 2025 तक टी0बी0 की बीमारी को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के अभूतपूर्व कार्य का लाभ जनता को मिल रहा है। इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित करने में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार और जनता ने सराहनीय कार्य किया है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा भी प्रशंसा की गई है। स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं को गांव-गांव तक सुलभ कराने का जो अभियान यहां की सरकार ने चलाया है, वो प्रदेश के लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय पोषण मिशन और इन्द्रधनुष को और तेज करने की जरूरत है, जिससे उत्तर प्रदेश का हर बच्चा और नागरिक स्वस्थ रहे।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अटल जी कहते थे कि देश के निर्माण में हर पीढ़ी के योगदान का मूल्यांकन दो मानदण्डों-विरासत में मिली समस्याओं को सुलझाने तथा राष्ट्र के भावी विकास की मजबूत नींव तैयार करने के आधार पर होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में भारत अभूतपूर्व उपलब्धियों के साथ प्रवेश कर रहा है। सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक समस्याओं के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। अनुच्छेद 370 सहित विभिन्न समस्याओं का समाधान किया गया है। शेष समस्याओं के समाधान के लिए भी प्रत्येक भारतीय प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व देश में आधे से अधिक परिवारों के पास शौचालय नहीं था, जो अब पहुंच चुका है। हर घर तक रसोई गैस, बिजली पहुंच रही है। 02 करोड़ गरीब परिवारों के घर बन चुके हैं। वर्ष 2022 तक हर बेघर को घर देने का काम चल रहा है। वर्ष 2024 तक हर घर जल पहुंचाने के लिए तत्परता से काम हो रहा है। न्यू इण्डिया की प्रगति की ठोस नींव तैयार की जा रही है। इसी आधार पर 05 ट्रिलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि हर गरीब का जीवन स्तर बेहतर हो। सुशासन भी यही है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ ही सुशासन है। सुशासन का अर्थ है- सुनवाई, सबकी हो। सुविधा, हर नागरिक तक पहुंचे। सुअवसर, हर भारतीय को मिले। सुरक्षा, हर देशवासी अनुभव करे और सुलभता, सरकार के हर तंत्र की सुनिश्चित हो। सुशासन का अर्थ है कि सरकार से सत्ता सुख निकालकर सेवा के संस्कार गढ़े जाएं। सामान्य मानवी के जीवन से सरकार का दखल कम हो। सरकार उलझाने के बजाय सुलझाने का माध्यम बने। हमारी सरकार ने स्वप्रमाणन को मंजूरी दी है। सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण, योजनाओं में तकनीक और डेटा साइंस के उपयोग से पारदर्शिता आ रही है। हम सुशासन के उस दौर में बढ़ रहे हैं, जहां जनता को आवेदन न करना पड़े, बल्कि सरकार जाकर निवेदन करे कि कोई समस्या तो नहीं है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद से ही अधिकारों पर ज्यादा जोर दिया गया है। झूठी अफवाहों में आकर विरोध के नाम पर हिंसा और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की मांग है कि अधिकारों से अधिक कर्तव्यों और दायित्वों पर बल दिया जाए। बेहतर सड़क, ट्रांसपोर्टेशन, डेªनेज आदि नागरिकों का हक है तो उन्हें साफ रखने का दायित्व भी उनका है। उत्तम शिक्षा, चिकित्सा सुविधा अगर हक है तो शिक्षण संस्थाओं, शिक्षकों, चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सकों आदि की सुरक्षा व सम्मान दायित्व भी है। सुरक्षा हक है तो सुरक्षा देने वाले पुलिस तंत्र के सम्मान का दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि दायित्व की भावना व्यापक है। सरकारों को पांच साल नहीं, बल्कि पांच पीढ़ियों को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए। यही अटल जी की शिक्षा और जनता की अपेक्षा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी की 95वीं जयन्ती पर सचिवालय के मुख्य भवन-लोक भवन में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया है। उत्तर प्रदेश की भूमि अटल जी की कर्मभूमि रही है। वह बलरामपुर से पहली बार सांसद बने। लखनऊ संसदीय क्षेत्र का पांच बार संसद में प्रतिनिधित्व किया। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से आकांक्षात्मक जनपद बलरामपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए के0जी0एम0यू0 के सेटेलाइट सेण्टर स्थापित करने की कार्यवाही प्रगति पर है। जनपद लखनऊ में स्थापित हो रहे अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश का शिलान्यास आज प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 के बाद वर्ष 2016 तक प्रदेश के 15 जनपदों में मेडिकल काॅलेज थे। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सभी क्षेत्रों को चिकित्सा सुरक्षा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत 45 जनपदों में मेडिकल काॅलेज स्थापित हो जाएंगे। नये मेडिकल काॅलेजों में से 07 में प्रवेश प्रारम्भ हो गया है। 08 में इस सत्र से प्रवेश प्रारम्भ करने जा रहे हैं। बलरामपुर एवं जौनपुर जनपदों में राज्य सरकार द्वारा मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जा रहा है। 13 नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की मंजूरी भी भारत सरकार से प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले इसकेे अस्थायी परिसर को डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में क्रियाशील किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय से सरकारी, अर्द्धसरकारी व निजी क्षेत्र के 40 मेडिकल काॅलेज, 17 डेण्टल काॅलेज, 210 नर्सिंग व 89 पैरामेडिकल काॅलेजों, कुल 356 चिकित्सा शिक्षण संस्थानों को सम्बद्धता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि गोरखपुर और रायबरेली में स्थापित किए जा रहे एम्स में ओ0पी0डी0 और प्रवेश प्रक्रिया भी इस सत्र से प्रारम्भ हो गई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लम्बे समय तक लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वर्तमान में इसका प्रतिनिधित्व करना मेरा सौभाग्य है। अटल जी की प्रतिमा के अनावरण के लिए प्रधानमंत्री जी तथा स्थापना के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अटल जी अब हमारे बीच नहीं हैं, किन्तु उनकी स्मृतियां अटल और अविचल हैं। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिभा और वक्तृत्व क्षमता से अटल जी ने भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को प्रभावित किया। अटल जी ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिनके सम्बन्ध में देशवासियों को भरोसा था कि वह एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। अटल जी अजातशत्रु थे। वे हम सभी के प्रेरणा पुंज हैं।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री जी ने कहा कि अटल जी ने सदैव देश हित को सर्वोपरि माना। अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश निरन्तर विकास व सुशासन की दिशा में अग्रसर है। अटल जी जिन समस्याओं का समाधान करना चाहते थे, उनका समाधान प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, अध्यक्ष विधान सभा श्री हृदय नारायण दीक्षित, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नीलकंठ तिवारी, सांसद श्री कौशल किशोर, सदस्य विधान परिषद श्री स्वतंत्र देव सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।