मुंबई: पद्मभूषण महाकवि गोपाल दास नीरज का गुरुवार शाम को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। शाम करीब 7.50 मिनट पर गोपाल दास नीरज ने अंतिम सांस ली। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें बुधवार को आगरा से दिल्ली के एम्स अस्पताल लाया गया। बुधवार शाम करीब 10 बजे वे आगरा से एम्स अस्पताल पहुंचे। जहां, उन्हें ट्रामा सेंटर के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। इसके बाद उन्हें दीवानी कचहरी के पास स्थित लोटस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। फेफड़ों में संक्रमण से बढ़ती तकलीफ ज्यादा बढ़ने से उन्हें सांस लेने में परेशानी होनी लगी थी। बुधवार को डाक्टरों ने नली डालकर 800 ग्राम मवाद बाहर निकाला था।
पुरस्कार एवं सम्मान
1991 में पद्मश्री सम्मान
1994 में यश भारती सम्मान
2007 में पद्म भूषण सम्मान
विश्व उर्दू परिषद् पुरस्कार
फिल्म फेयर पुरस्कार
नीरज जी को फिल्म जगत में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए 70 के दशक में लगातार तीन बार यह पुरस्कार दिया गया। उनके द्वारा लिए गये पुररकृत गीत हैं- काल का पहिया घूमे रे भइया! (फिल्म: चन्दा और बिजली), बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ (फिल्म: पहचान), ए भाई! ज़रा देख के चलो (फिल्म: मेरा नाम जोकर)