देहरादून: उत्तराखण्ड प्रदेश में गोरखा समुदाय को अन्य पिछडे वर्ग में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2003 में जारी शासनादेश को यथावत रखने की जानकारी वन एवं वन्य जीव, खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल द्वारा रेसकोर्स आवास में आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
उन्होने आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराचंल (उत्तर प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचिव जातियों, अनुसूचित जन जातियो और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण ) अधिनियम, 1994) अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश, 2001 की धारा-13 के अन्तर्गत गोरखा समुदाय को अधिसूचना संख्या-3107/स.क/2003-237(समाज कल्याण)/2002 दिनांक 15 नवम्बर 2003 द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था। उन्होने अवगत कराया है कि भारत सरकार के गाईड लाईन के अनुसार शासन द्वारा जून 2011 में उक्त शासनादेश के अनुसार गोरखा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल न किये जाने पर रोक लगा दी गयी थी। उन्होने अवगत कराया कि जैसे उनके संज्ञान में लाया गया कि गोरखा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल नही किया जा रहा है, जिससे उनके पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र निर्गत नही किये जा रहें है। इसके लिए उन्होने मा0 मुख्यमंत्री से भेंटकर वर्ष 2003 में जारी किये गये शासनादेश के सम्बन्ध में अवगत कराया गया जिसको मा मुख्यमंत्री द्वारा 2003 में जारी किये गये शासनादेश का संज्ञान लेते हुए उसे यथावत लागू रखने के निर्देश दिये गये। उन्होने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि गोरखा समुदाय को जो भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी है वह उन्हे उपलब्ध कराई जायेगीं।