मुंबई: महाराष्ट्र के नासिक जिले में इस साल जुलाई महीने में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए सरकार ने 2378.78 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी है ताकि इसके इंफ्रास्ट्रक्चर का काम अच्छे से हो सके। लेकिन इसके लिए राज्य सरकार की नजर शिरडी स्थित साईं संस्थान के खजाने पर पड़ी है और साईं संस्थान से 1129.47 करोड़ रुपये की मांग की गई है। सरकार ने साईं संस्थान को तत्काल इस फंड को जारी करने का निर्देश दिया है।
फिलहाल साईं संस्थान के खजाने में 1200 करोड़ रुपये कैश और बाकी संपदाओं को मिलाकर कुल 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। सरकार द्वारा फंड संबंधी जारी हालिया निर्देश के बाद साईं संस्थान के सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी। इस मामले में साईं संस्थान के फॉलोअर्स का कहना है कि संस्थान से सरकार को एक भी पैसे न दिए जाएं। गौरतलब है कि शिरडी में हरेक वर्ष लाखों भक्त आते रहते हैं और इनकी सुविधाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार से फंड मिलने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन इसके विपरित सरकार खुद ही साईं संस्थान के खजाने पर अपनी नजरें गराए हुए है।
उल्लेखनीय है कि 3 साल पहले साईं संस्थान के ट्रस्टी बोर्ड को मुंबई हाई कोर्ट के औरंगाबाद बेंच ने बर्खास्त कर दिया था। इसके बदले कोर्ट ने अहमदनगर जिला के प्रधान न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति की स्थापना की थी। सरकार का कहना था कि इसके जरिए साईं संस्थान द्वारा किए जाने वाले अनियमित खर्चों पर लगाम लगाई जाए, पर सरकार को खुद ही अपने उद्देश्य में असफलता हासिल हुई।
विभिन्न योजनाओं में साईं संस्थान का योगदान
– हाल ही में निलवंडे सिंचाई परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी
-शिरडी एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपये दिए
-राज्य में पड़े अकाल के निवारण के लिए 35 करोड़ रुपये और ‘जलशिवार योजना’ के लिए 34 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
साईं संस्थान सरकार को यह फंड न दे, इसके लिए हम जल्द ही हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करेंगे। इसके अलावा साईं संस्थान द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के लिए दी जाने वाली राशि का भी हम विरोध करते हैं। यह साईं संस्थान का काम नहीं है।