नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के अपने लक्ष्य के तहत सरकार मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए श्री तोमर ने कहा कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में शहद के 5 सबसे बड़े उत्पादकों में शुमार है। भारत में वर्ष 2005-06 की तुलना में अब शहद उत्पादन 242 प्रतिशत बढ़ गया है, वहीं इसके निर्यात में 265 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
श्री तोमर ने कहा कि बढ़ता शहद निर्यात इस बात का प्रमाण है कि मधुमक्खी पालन 2024 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कारक रहेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन (एनबीएचएम) के लिए मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के लिए चार माड्यूल बनाए गए हैं, जिनके माध्यम से देश में 30 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें सरकार द्वारा वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।
श्री तोमर ने बताया कि सरकार मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए गठित की गई समिति की सिफारिशों का कार्यान्वयन कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने मीठी क्रांति के तहत हनी मिशन की भी घोषणा की है, जिसके चार भाग है, इसका भी काफी लाभ मिलेगा। मधुमक्खी पालन का काम गरीब व्यक्ति भी कम पूंजी में अधिक मुनाफा प्राप्त करने के लिए कर सकता है। इसीलिए, इसे बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा 500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई है। इससे मधुमक्खी पालकों के साथ ही किसानों की भी दशा और दिशा सुधारने में मदद मिलेगी।
वेबिनार में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने उत्तराखंड को जैविक शहद उत्पादन की मुख्यधारा में लाने के राज्य सरकार के संकल्प पर प्रकाश डाला। उन्होंने हनी मिशन में संशोधन लाने की आवश्यकता का उल्लेख किया। एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक श्री सुदीप कुमार नायक ने महिला समूहों को बढ़ावा देने और एपिकल्चर सहकारी समितियों के विकास में एनसीडीसी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर प्रो. नजीर अहमद ने कश्मीर में शहद की अनूठी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। यूएनएफएओ के प्रतिनिधि श्री तोमियो शिचिरी ने शहद के निर्यात में गुणवत्ता आश्वासन के महत्व पर चर्चा की। पश्चिम बंगाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. एम.वी. राव ने महिला समूहों द्वारा जैविक शहद व जंगली शहद के उत्पादन, ब्रांडिंग और विपणन को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार के कदमों के बारे में बताया। बागवानी आयुक्त डॉ. बी.एन.एस. मूर्ति ने नए मिशन में नवाचारों पर प्रकाश डाला।
मध्य प्रदेश, कश्मीर, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, बिहार, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश व झारखंड के सफल मधुमक्खी पालकों और उद्यमियों ने अपने अनुभवों को साझा किया और मीठी क्रांति लाने के लिए आगे के तरीके सुझाए।
‘’मीठी क्रांति और आत्मनिर्भर भारत’’ विषय पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने यह वेबिनार राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, पश्चिम बंगाल सरकार, उत्तराखंड सरकार और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर के साथ मिलकर कल आयोजित किया था। इस आयोजन का उद्देश्य कृषि आय और कृषि उत्पादन बढ़ाने के साधन के रूप में भूमिहीन ग्रामीण गरीब, छोटे और सीमांत लोगों के लिए आजीविका के स्रोत के रूप में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को लोकप्रिय बनाना है। इस वेबिनार में मधुमक्खी पालकों के साथ ही शहद प्रोसेसर, विपणन और ब्रांडिंग पेशेवरों, अनुसंधान विद्वानों, शिक्षाविदों, प्रमुख शहद उत्पादक राज्यों के सहयोगियों, राज्य और केंद्र सरकारों के प्रतिनिधियों, एफएओ और एनईडीएसी, बैंकॉक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया।