नई दिल्ली: नितिन गड़करी ने पिछले सप्ताह मुम्बई में यात्राऔर पर्टयन उद्योग से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श सत्र की अध्यक्षता की। बैठक का उद्देश्य देश में क्रूज पर्यटन की पूर्ण क्षमता को प्राप्त करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करना था। इस सत्र में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री के. जे. अल्फोंस भी उपस्थित थे। मुम्बई पोर्ट ट्रस्ट, महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम और महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने यात्रा और पर्यटन उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया। कार्य योजना में चिन्हित स्थलों को पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने तथा देश व विदेश में इन स्थलों का प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया गया है।
मुम्बई को देश के क्रूज पर्यटन हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। संसुन डॉक, सेवरी फोर्ट, कनहौजी आंगरे दवीप, मांडवा, अलीबाग, विजय दुर्ग आदि स्थलों को आकर्षक गंतव्य स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मरीन ड्राइव क्षेत्र के आसपास वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों की योजना तैयार की गई है। फेरारी फार्मूला 1 और ग्रेंड प्रीक्स जैसे आयोजनों पर भी विचार किया गया है। मांडवा को स्वास्थ्य कल्याण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां योग और ध्यान के लिए सुविधाएं विकसित की जायेंगी। मुम्बई पोर्ट इलाके में रेस्त्रां और पर्यटन के अन्य आकर्षण विकसित किए जायेंगे। राज्य पर्यटन विभाग क्रूज के आगमन पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित करेगा।
कार्य योजना में पर्यटन गंतव्यों का राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुम्बई पोर्ट ट्रस्ट अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट में हिस्सा लेगा। बालीवुड को मुम्बई पोर्ट के विभिन्न स्थलों पर शूटिंग करने की इजाजत दी जाएगी। ट्रेवल एजेंसियां मुम्बई-गोवा क्रूज, गेटवे इंडिया पर घूमता हुआ रेस्टोरेंट और गिरगांव चौपाटी का प्रचार-प्रसार करेंगी। पर्यटन की जानकारी देने वाले कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्य योजना में स्वच्छता और संचालन दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है। कार्य योजना में कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्रों, सड़क मार्गों, फूटपाथों तथा समुद्र तटों की स्वच्छता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
देश में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें मुख्य हैं –
- क्रूज जहाजों के लिए स्थान उपलब्ध कराना
- आउस्टिंग शुल्क हटा दिए गए हैं – इससे कुल लागत में कमी आयेगी
- पोर्ट शुल्क में 42-66 प्रतिशत की छूट
- बंदरगाह प्राधिकरण, सीमा शुल्क, आप्रवासन, सुरक्षा, राज्य सरकार, जहाज एजेंट, टूर ऑपरेटर जैसी कई एजेंसियों की प्रक्रियाओं के लिए सरलीकृत एसओपी जारी
- भारतीय बंदरगाहों के बीच यात्रा की आसानी के लिए ई-लैंडिंग कार्ड सिस्टम तैयार
- ऑनलाइन और आगमन वीज़ा सुविधाओं के लिए ई-वीज़ा
- भारतीय तटों पर विदेशी क्रूजों के लिए अनुतट (कैबोटेज) को समाप्त किया गया।
- क्रूज़ टर्मिनलों को अधिक यात्री सुविधाओं के साथ अपग्रेड किया गया
- नए क्रूज टर्मिनलों का निर्माण किया जाएगा
- नौवहन मंत्रालय एक प्रतिष्ठित परामर्शदाता नियुक्त करेगा जो देश में क्रूज पर्यटन के विकास के लिए कार्य योजना तैयार करेगा। 2042-43 तक पर्यटकों की संख्या 4.5 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।