31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

सरकारी उपयोगकर्ताओं के लिए सरकारी ई-मार्केटप्‍लेस (जेम) पर प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: केन्‍द्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों के खरीद अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन आज यहां वित्‍त सचिव श्री अशोक लवासा द्वारा किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम डीजीएसएंडडी, राष्‍ट्रीय वित्‍त प्रबंधन संस्‍थान (एनआईएफएम) और राष्‍ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (एनईजीडी) द्वारा संयुक्‍त रूप से आयोजित किया गया है।

प्रशिक्षण सत्र में केन्‍द्र सरकार के उन लगभग 20 संगठनों के 60 से भी अधिक खरीद अधिकारियों ने भाग लिया, जो दिल्‍ली में अवस्थित हैं। इस तरह के प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के बाद इसी तरह के प्रशिक्षण सत्र देश भर में केन्‍द्र सरकार के समस्‍त खरीद अधिकारियों के लिए आयोजित किये जाएंगे।

एनईजीडी (इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) की सीईओ श्रीमती राधा चौहान ने अपने संबोधन में इस बात का उल्‍लेख किया कि जेम की अवधारणा क्‍या है और इसे किस तरह विकसित किया गया है। उन्‍होंने प्रशिक्षण की अहमियत पर विशेष बल दिया और इस कार्यक्रम में भाग ले रहे अधिकारियों से बहुमूल्‍य सुझाव देने को कहा, ताकि इस प्रणाली को और भी ज्‍यादा बेहतर बनाया जा सके। उन्‍होंने बताया कि यह प्रणाली सुरक्षित एवं मजबूत है। डीजी (एसएंडडी) श्री बिनय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जेम वस्‍तुओं एवं सेवाओं के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन और शुरू से लेकर अंत तक एकीकृत ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल है, जिसे डीजीएसएंडडी द्वारा विकसित किया गया है और जिसके लिए तकनीकी सहायता एनईजीडी ने प्रदान की है। उन्‍होंने कहा कि आने वाले दिनों में सरकारी खरीदारों के साथ-साथ विक्रेताओं के लिए भी इसी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम/सत्र आयोजित करने की योजना है।

इस अवसर पर श्री अशोक लवासा ने सरकारी उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के लिए सरकारी ई-मार्केटप्‍लेस (जेम) के उपयोग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए डीजीएसएंडडी, राष्‍ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (एनईजीडी) और राष्‍ट्रीय वित्‍त प्रबंधन संस्‍थान (एनआईएफएम) की सराहना की। श्री लवासा ने इस तथ्‍य पर रोशनी डाली कि डीजीएसएंडडी, एनईजीडी, वित्‍त मंत्रालय और कई अन्‍य सरकारी एजेंसियों के सहयोगात्‍मक प्रयासों से मात्र पांच महीनों की अल्‍पावधि में जेम को विकसित किया गया है, जिससे इस बात का संकेत मिलता है कि सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग से अल्‍पावधि में भी बड़े नतीजे हासिल किये जा सकते हैं। श्री लवासा ने यह भी कहा कि जेम से सरकारी खरीदारों को और ज्‍यादा पारदर्शी, जवाबदेह एवं दक्ष तरीके से वस्‍तुओं एवं सेवाओं को खरीदने के लिए नई तकनीकों का सर्वोत्‍तम इस्‍तेमाल करने में मदद मिलेगी। यही नहीं, जेम से ठीक उतनी ही आसानी एवं कुशलता के साथ नई तकनीकों का इस्‍तेमाल करना संभव हो पाएगा, जो फिलहाल ई-कॉमर्स साइट्स के जरिए संभव हो पाता है। उन्‍होंने यह इच्‍छा जताई कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को काफी गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए और राज्‍य सरकारों के अधिकारियों सहित अधिक से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित ‍किया जाना चाहिए।

वित्‍त सचिव ने जेम से जुड़ी टीम से आग्रह किया कि वह जेम पोर्टल को निरंतर बेहतर बनाने के लिए प्रयास करे। उन्‍होंने जेम टीम से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि जेम के संचालन को किसी भी तरह की हेराफेरी और अनैतिक तौर-तरीकों से मुक्‍त रखा जाए। श्री लवासा ने यह भी कहा कि वैसे तो वस्‍तुओं/सेवाओं की प्राप्ति के दस दिनों के भीतर वेंडरों को भुगतान करना जेम पर अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन इस अवधि को और भी कम करने के प्रयास किये जाने चाहिए, क्‍योंकि समय ही धन है और देरी से होने वाले भुगतान का बोझ आखिरकार सरकार को ही उठाना पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि जेम में विकास की काफी गुंजाइश है और इससे सरकार के भीतर खरीद संबंधी निर्णय लेने में काफी विश्‍वसनीयता एवं सहजता सुनिश्चित होगी।

Related posts

4 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More