लखनऊ: प्रदेश के किसानों गरीबों, पशुपालकों तथा दुग्ध व्यवसायियों की आर्थिक समृद्धि एवं प्रदेश को दुग्ध विकास क्षेत्र में अग्रणी बनाने हेतु उच्चगुणवत्ता वाले दुधारू पशुओं के प्रजनन, संवर्धन एवं संरक्षण हेतु ठोस कदम उठाये हैं। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने का उत्तरदायित्व उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद को सौंपा गया है। शासन की मंशा के अनुरूप उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी0ई0ओ0), डा0 बलभद्र सिंह यादव ने इस योजना को कामयाब बनाने में सराहनीय एवं सार्थक पहल की है।
उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद का मूल उद्ेश्य ही प्रदेश में उच्चकोटि के दुधारू पशुओं तथा नर-मादा पशुओं के प्रजनन को बढ़ावा देने तथा आर्थिक दृष्टिकोण से उपयोगी महत्वपूर्ण प्रजातियों एवं नस्लोें का विकास, पशुधन उत्पादन को बढ़ावा देना तथा ऐसी प्रक्रियाओं का प्रबन्धन करना जिससे पशुधन के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होना है। पशुधन प्रबन्धन एवं प्रजनन से जुड़ी प्रक्रिया को बढ़ावा देने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा नेशनल प्रोजेक्ट फार कैटल एण्ड बफैलों ब्रीडिंग (एन0पी0सी0बी0बी0), नेशनल प्रोग्राम आन कैटल ब्रीडिंग (एन0पी0बी0वी0), राष्ट्रीय गोकुल मिशन, नेशनल लाईवस्टाक इन्श्योरेंश स्कीम (एन0एल0आई0एस0) तथा रिस्क मैनेजमेंण्ट (लाईव स्टाक इन्श्योरेंस) नेशनल लाइव स्टाक मिशन के सबमिशन आन लाईवस्टाक डेवलपमेंट के अन्तर्गत दुधारू पशुओं की उच्चकोटि की नस्लों में सुधार लाने का कार्य किया जा रहा है।
उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा पशु प्रजनन, पशुधन विकास एवं पशुधन संवर्धन हेतु राज्य सरकार को परामर्श एवं सहयोग देकर पशुओं के उत्पादन एवं उनकी उत्पादकता में वृद्धि की जा रही है। प्रदेश में पशु प्रजनन हेतु उपयुक्त नवीन संस्थाओं की स्थापना, नवीन प्रशिक्षण सुविधाओं का विकास, पशुधन से जुड़े सरकार एवं सार्वजनिक स्वाशासी संस्थाओं हेतु नीति निर्धारण एवं शासकीय/सार्वजनिक तथा अशासकीय पशुधन से जुड़ी परियोजनाओं के निर्माण में सहयोग, देश एवं विदेश की ख्याति प्राप्त संस्थाओं के साथ नवीन तकनीक प्राप्त करने में सहयोग एवं समन्वय का कार्य और पशुधन उत्पाद एवं आनुवांशिकी सुधार के क्षेत्र में द्विपक्षीय/अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ संयुक्त उद्यम एवं उपक्रमों की स्थापना का कार्य किया जाता है।
पशुधन विकास परिषद द्वारा राज्य के सकल प्रजनन योग्य दुधारू पशुओं का उत्तम प्रजनन सुविधाओं से आच्छादन, प्रजनन निवेशों एवं सेवाओं की गुणवत्ता पूर्ण गुणात्मकता को बनाये रखने, स्वदेशी नस्ल के पशुओं का संरक्षण, संवर्धन एवं विकास, राज्य पशु प्रजनन नीति का क्रियान्वयन राज्य में पशु प्रजनन कार्यों से सम्बद्ध एजेन्सियों के मध्य सहभागिता सुनिश्चित करने राज्य में पशुधन के संर्वागीण विकास हेतु अनुसंधान तथा विकास कार्यक्रमों का क्रियान्वयन एवं प्रसार कार्य, जिला ग्राम विकास अभिकरणों/आर0के0वी0वाई0। उपकार आदि ऐसी सभी संस्थाएं जिनमें पशुधन विकास से सम्बंधित कार्यक्रमों हेतु सहभागिता है से समन्वय स्थापित कर योजनाओं को प्रस्तावित कर कार्यान्वयन करने का कार्य किया जा रहा है।
परिषद द्वारा राष्ट्रीय पशुधन बीमा का कार्यान्वयन तथा कृत्रिम गर्भधान कार्यकर्ताओं को आधुनिकतम ज्ञान वृद्धि हेतु प्रशिक्षण देने का कार्य सफलता पूर्वक किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जनपदों में पशुओं की उच्चकोटि की नस्लों के प्रजनन एवं संवर्धन हेतु तरल नत्रजन एवं वीर्य स्ट्राज उत्पादन आपूर्ति एवं वितरण सम्बंधी अवस्थापना सुविधाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। पशुओं के प्रजनन हेतु उत्तम कोटि का वीर्य स्ट्राज वितरित किया जा रहा है।
अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र (चकगंजरिया) से स्थान्तरित एवं वर्तमान में रहमान खेड़ा फार्म मलिहाबाद लखनऊ द्वारा उत्पादित स्ट्राज, एनीमल ब्रीडिंग केन्द्र सलोन (रायबरेली), अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र बस्सी जयपुर, बैफ पुणे, ए0बी0एस0 हण्डिया चितले पुणे, अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र नागपुर, बनवासी (आन्ध्र प्रदेश) अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र- पटियाला, पालमपुर, हरियाणा लाईवस्टाक डेवलपमेंट बोर्ड, एस0एल0पी0सी0 भोपाल, उत्तराखण्ड लाईव स्टाक डेवलपमेंट बोर्ड तथा उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा वीर्य उपार्जन एवं वीर्य स्ट्राज का वितरण किया जाता है।
परिषद के नियन्त्रणाधीन अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र बाबूगढ़ द्वारा उत्पादित वीर्य स्ट्राज दलपतपुर द्वारा वीर्य का उत्पादन एवं वितरण किया जा रहा है। कृत्रिम गर्भाधान एवं पशुओं की उत्पन्न संतति की देखभाल की जाती है। परिषद द्वारा बाॅझ पशुओं को फिर से प्रजनन योग्य बनाये जाने हेतु बांझपन निवारण शिविरों का आयोजन भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के माध्यम से पशुओं के प्रजनन में सहयोग प्रदान किया जाता है। पशुमित्रों को प्रशिक्षण देने का कार्य भी परिषद द्वारा किया जाता है।
उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0बी0बी0एस0यादव ने पशुओं की नस्लों के सुधार संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हापुड़ जनपद को राजकीय पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र बाबूगढ़ भदावरी भैंस एवं जमुनापारी बकरी प्रजनन प्रक्षेत्र, हटावा में भदावरी भैंसों एवं जमुनापारी बकरियों तथा राजकीय पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र अराजीलाईन्स वाराणसी में गंगातीरी गायों के संरक्षण, प्रजनन, संवर्धन हेतु ठोस कदम उठाये हैं।
राज्य सरकार के मा0 मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की घोषणा के अनुपालन में मेगाफूड पार्क, बरेली में ‘‘ पशु उत्थान वर्ण संकर केन्द्र की स्थापना हेतु 40 एकड़ भूमि का आवंटन किया जा चुका है और उस पर निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है।
परिषद द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित योजनाओं ‘‘बुन्देलखण्ड में विशेष रूप में झांसी और चित्रकूट में किसानों द्वारा पशुओं को लावारिस घुट्टा छोड़ देने की प्रवत्ति पर अंकुश लगाने उनके पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने, पशुओं को भूख से बचाने के लिए उनके संरक्षण संवर्धन एवं सुधार हेतु ‘‘अन्ना प्रथा उन्मूलन योजना शुरू की जा रही है। योजना की सफलता के दृष्टिगत अब योजना पूरे बुन्देलखण्ड में चलाने की राज्य सरकार की योजना है। गोवंशीय पशुओं में सेक्स्ड सीमेन का उपयोग डी0एफ0एस0 मझरा, लखीमपुर खीरी का सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकी करण किया जायेगा, राजकीय पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्रों का सुदृढ़ीकरण करते हुए स्वदेशी प्रजातियों का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। किसानों के पशुओं के लिए जोखिम प्रबन्धन एवं पशुधन बीमा योजना का क्रियान्वयन परिषद द्वारा किया जा रहा है।
उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा उत्तर प्रदेश की स्थानीय गायों की नस्ल गंगातीरी गाय का रजिस्ट्रेशन भारत सरकार में करा दिया गया है। जिसका रजिस्टेशन न0 इण्डिया कैटल-2003-गंगातीरी -03039 है। राज्य सरकार के सहयोग से वर्ष 2014-15 में प्रदेश में प्रथम बार उक्त नस्ल गंगातीरी गाय का रजिस्ट्रेशन कराने से उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद को सफलता अर्जित हुई है।