लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा0 शिवाकान्त ओझा ने शासकीय चिकित्सालयों को निर्देश दिए हैं कि मरीजों को चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने में उनके द्वारा अदा की जा रही धनराशि के रूप में 500 और 1000 रुपये के नोटों को स्वीकार किया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इसकी वैधता अवधि 24 नवम्बर तक के लिए बढ़ा दी गई हैं, जबकि पहले यह अवधि 14 नवम्बर तक ही थी।
श्री ओझा ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कतिपय चिकित्सालय 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं, इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को भी निर्देश दिए हैं कि वे अस्पतालों में उक्त नोटों की स्वीकार्यता को प्रभावी बनाएं और मरीजों को इनकी अदायगी में कोई दिक्कत न होने पाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। सरकार की प्राथमिकता है कि मरीजों को सभी आवश्यक सुविधाएं सहजता से उपलब्ध होती रहें।
स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा शासकीय चिकित्सालयों के चिकित्सा अधीक्षकों से भी अपेक्षा की है कि वे अपने चिकित्सालयों में मरीजों द्वारा अदा किये जाने वाले 1000 एवं 500 रुपये के नोटों की स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए संबंधित अधीनस्थों को आवश्यक निर्देश जारी करें। उन्होंने कहा कि यदि उनकी जानकारी मे यह आता है कि संबंधित चिकित्सालयों द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार नहीं किये जा रहे हैं, तो ऐसे कर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।