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सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू से पीड़ित मरीजों के इलाज हेतु विशेष प्रबंध: अरूण कुमार सिन्हा

डेंगू के मरीजों की सहायता हेतु अस्पतालों में ‘फीवर हेल्प डेस्क’ स्थापित
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अरूण कुमार सिन्हा ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित प्रयोगशालाओं में बुखार से पीड़ित मरीजों के ब्लड सैम्पल की जांच कराई जा रही। राज्य की प्रयोगशालाओं से प्राप्त रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि प्रदेश में कुल 1138 मरीज डेंगू ज्वर से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू से पीड़ित मरीजों के उपचार हेतु प्रभावी व्यवस्थाएं की गई हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा स्थानीय नगर निकायों के वरिष्ठ अधिकारियों को क्षेत्रों की साफ-सफाई तथा फागिंग की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारियों कोे यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जनपदों में डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए। अस्पतालों में भर्ती डेंगू मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, ताकि इस गम्भीर बीमारी से किसी की मृत्यु न होने पाये। उन्होंने सरकारी चिकित्सालयों में भर्ती डेंगू मरीजों के इलाज मंे किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा जिन चिकित्सालयों में डेंगू के मरीज अधिक सख्या में भर्ती हो रहे हैं, वहां शैय्याओं की संख्या भी बढ़ाई जा रही है, ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
श्री सिन्हा ने बताया कि डेंगू ज्वर की रोकथाम के लिए शहरों तथा गावों में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि समस्त सी0एम0ओ0 से कहा गया है कि विशेष अभियान चलाकर जनमानस को डेंगू से बचाव की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार डेंगू ज्वर पर अंकुश लगाने के प्रति काफी संवेदनशील है, लेकिन जब तक जन-सहभागिता सुनिश्चित नहीं होगी, तब तक इस गम्भीर बीमारी पर रोक लगाना सम्भव नहीं होगा।
प्रमुख सचिव ने पुनः जन समान्य से अपील की है कि यदि उनकी जानकारी में अथवा उनके परिवार में बुखार से कोई व्यक्ति प्रभावित होता है, तो तत्काल उसे निकटत्म स्वास्थ्य केन्द्र अथवा उपचार केन्द्र पर ले जाकर इलाज कराएं। उन्होंने यह भी अपील की है कि वे बुखार से प्रभावित मरीज को किसी भी झोलाछाप डाक्टर के पास न जाकर शासकीय चिकित्सा केन्द्र पर इलाज हेतु जाएं। सरकारी चिकित्सालयों में डेंगू/बुखार के इलाज के लिए सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं सुलभ है।

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