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राजकीय इण्टर कालेज डान परेवा में शहीद स्व0 दीवान सिंह बिष्ट की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
कोटाबाग (नैनीताल) /देहरादून: डाॅन परेवा गांव में स्वर्गीय दीवान सिंह बिष्ट स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी की 69 वी पुण्यतिथ के अवसर पर राजकीय इण्टर कालेज डान परेवा में शहीद स्व0 दीवान सिंह बिष्ट की प्रतिमा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने माल्यापर्ण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। गौरतलब है कि स्व0 दीवान सिंह बिष्ट ने 29 वर्ष की आयु में देश की आजादी के लिए शहादत दी थी। उनका जन्म सन् 1923 में डान परेवा गांव में हुआ था। सन् 1945 में अंग्रेजों द्वारा उनको बरेली जेल में मौत के घाट उतार दिया गया था।

कार्यक्रम में उपस्थित जनता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में जो स्वाधीनता की लडाई लडी गयी उसमें उत्तराखण्ड के रणबंागुरों ने भी बढ़चढ कर हिस्सा लिया और देश की खातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। उन्होनें कहा कि कुमायूं की धरती के देघाट, डौन परेवा, सल्ट, खुमाड, जैती, सालम में आज भी वहाँ के रणबंगुरो की शहादत के मौके पर बडे आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
श्री रावत ने कहा कि शहीदों एवं स्वतन्त्रता संग्राम सैनानियों ने जो सपने देखे थे उसके अनुरूप देश व उत्तराखण्ड प्रदेश का विकास करने के लिए दिन रात पूरी तत्परता के काम कर रहे हैं।
उन्होनें कहा कि भौगोलिक दृष्टि से उत्तराखण्ड एक विषम प्रदेश है। यहाँ कि परिस्थितियों एवं आपदाओं से लोगों को जुझना पडता है। हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड के दूर-दराज के लोगों तक विकास की किरण पहुंचे। उनका आर्थिक विकास हो। लोग स्वावलम्बी बने तथा पहाड से पलायन रूके। इसके लिए भी सरकार विकास की नई-नई योजनाएं संचालित कर रही है।
श्री रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं तथा लोगों का विकास, शिक्षा, खेती, दस्तकारी, हस्तशिल्प के माध्यम से किया जा सकता है। उन्होनें महिलाओं से कहा कि वे अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा दिलायें। श्री रावत ने कहा कि प्रदेश के प्राइमरी स्तर के विद्यालयों से डिग्री कालेज तक रिक्त सभी पदों पर अध्यापकों, प्राध्यापकों की तैनाती कर दी जायेगी। इसी प्रकार प्रदेश में चिकित्सालयों में चिकित्सकों के पदों पर भी तैनाती किये जाने के भी सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं।
श्री रावत ने सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प को जीवित करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होनें कहा कि इस आधुनिकतम दौर में हमारे परम्परागत हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योग धन्धे विलुप्त होते जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण स्तर पर लोगों को रोजगार मिले। लोग हस्तशिल्प से जुडे और उत्तराखण्ड का पुराना वैभव साकार हो सके। इसलिए प्रदेश सरकार हस्तशिल्पियों, कलाकारों, धार्मिक अनुष्ठान कराने वालों लोगों को आर्थिक विकास हेतु पेंशन दे रही है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड के परम्परागत उत्पादन मंडुवा, चैलाई, झिंगौरा, आदि को भी व्यवसाय से जोडा जा रहा है। प्रदेश में फल-फूल, माल्टा आदि के विपणन की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है, ताकि काश्तकारों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी वर्ष महिला सशक्तिकरण एवं वृद्ध सम्मान के रूप मानने जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के अन्र्तगत प्रदेश के पांच हजार बुजुर्गों को चार धाम यात्रा के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों की निःशुल्क यात्राएं करायी जा रही हैं। उन्होनें कहा कि हम सब को साथ लेकर विकास करने की परम्परा में विश्वास रखते हैं, विश्वास हमारी धरोहर है। आम आदमी को विश्वास चाहिए और हमारी पुरी कोशिश है कि हम उत्तराखण्ड के प्रत्येक नागरिक को उच्चस्तर का विकास प्रदान करें।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा ओखलढुंगा में जूनियर हाईस्कूल का उच्चीकरण, तल्ली सेठी- बेतालघार का विस्तारीकरण एवं डामरीकरण, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सौड का उच्चीकरण, काण्डा-फफडिया मोटर मार्ग निर्माण, मलौन-सिमली मोटर मार्ग का डामरीकरण, ओखलढुंगा-डाॅन-मल्ली स्वेरी मार्ग निर्माण, नैनीताल शहर के अतिरिक्त मार्गों की मरम्मत, राजकीय इण्टर कालेज पाटकोट फर्नीचर क्रय किये जाने के लिए दो लाख, नवोदय विद्यालय कोटाबाग स्यात में बैडमिन्टन कोर्ट निर्माण, राजकीय इण्टर कालेज डौन के खेल मैदान का विस्तारीकरण, शहीद दीवान सिंह बिष्ट की भव्य प्रतिमा एवं स्मारक का निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य मनरेगा तथा जिलाधिकारी द्वारा दी जाने वाली राशि से, डाॅन में ऐलोपैथिक डिस्पेंसरी स्थापना की घोषणा के साथ ही घुंघुुसिगडी में अगले वर्ष आईटीआई खोले जाने की घोषणाएं की गयी।

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