लखनऊ: प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार की आकर्षक नीति की वजह से एमिटी जैसे कई बड़े संस्थानों ने पहल की है। इन जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पांच नवंबर तक आवेदन मांगे हैं। विभाग की ओर से http://etender.up.nic.in वेबसाइट पर टेंडर जारी कर दिया गया है। सरकार की ओर से निजी निवेशकों को कई तरह की छूट भी दी जा रही है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कैबिनेट की मुहर लगने के बाद हाल ही में नीति जारी की थी और तीन तरह के विकल्प उपलब्ध कराए थे। हर विकल्प के लिए नियम और शर्तें अलग हैं। निजी क्षेत्र के निवेशक अपनी जमीन या सरकारी जमीन पर भी मेडिकल कॉलेज खोल सकते हैं। खास बात यह है कि विभाग ने इन सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन पहले से चिह्नित कर आरक्षित कर ली है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कई बड़े निवेशकों ने इच्छा जाहिर की है। विभाग की ओर से नीति जारी कर दी गई है। निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निविदा प्रक्रिया के तहत निवेशकों का चयन किया जाएगा। सीएम योगी के निर्देश पर पूरी प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है।
हर साल मिलेंगे 16 सौ नए डॉक्टर, 10 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी
प्रदेश में 16 जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों से हर साल 16 सौ नए डॉक्टर मिलेंगे। साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। इसके अलावा इन मेडिकल कॉलेजों में लोगों के उपचार के लिए करीब छह हजार नए बेड उपलब्ध होंगे। इन मेडिकल कॉलेजों में आम लोगों को भी उच्च स्तरीय सहुलियत मिलेगी।
सीएम योगी ने इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का लिया है संकल्प
प्रदेश में 16 जिलों बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली और श्रावस्ती में सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। हालांकि इन जिलों में जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी की सुविधा उपलब्ध है। इन जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में और इजाफा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में मेडिकल कालेज का खोलने का संकल्प लिया है।