लखनऊ: इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘‘आर्किटेक्ट महाकुंभ‘‘ का समापन आज प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा किया गया। डॉ शर्मा ने सबसे पहले महाकुंभ में लगे स्टॉल का निरीक्षण किया और वहां लगे स्टालों के बारे में जानकारी ली। डॉ शर्मा ने कहा कि आर्किटेक्ट महाकुंभ में आए हुए लोगो को यहां बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। यहां आए हुए विशेषज्ञों से निर्माण के बारे में लोग सकारात्मक सोच लेकर जायेंगे।
डॉ शर्मा ने कहा कि कुछ दिनों पहले आयोजित इन्वेस्टर्स समिट द्वारा प्रदेश के बारे में लोगो की नकारात्मक सोच को दूर करने में मदद मिली और प्रदेश सरकार ने नई औद्योगिक नीति के द्वारा प्रदेश में निवेश नीति को आसान करने के साथ साथ सड़क, बिजली, पानी, सुरक्षा जैसी आधारभूत संरचना में सुधार किया, जिससे आज प्रदेश में निवेश का अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। इसके लिए सरकार नवीन तकनीकी का भी प्रयोग कर रही है। आज उत्तर प्रदेश में निवेश के बारे में लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव आया है। आने वाले समय में प्रदेश में करोड़ों रुपये का निवेश होगा। उत्तर प्रदेश निर्माण कार्यों का हब बने इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। आने वाले समय में प्रदेश में रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ेगी । आज देश में निर्मित कुल मोबाइल फोन का 65 प्रतिशत मोबाइल फोन उत्तर प्रदेश में निर्मित हो रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण आवश्यक है लेकिन उसके साथ निर्माण कार्यों में गुणवत्ता भी जरूरी है, जिससे उपभोक्ताओं को निर्माण कार्यों से जुड़ी किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े। उत्तर प्रदेश में आर्किटेक्ट व्यवसाय का सुनहरा भविष्य है। आज देश में अनेक ऐसे निर्माण हैं जिन पर शोध की आवश्यकता है, उनकी गुणवत्ता आज भी देखने लायक है। हमारे देश में अनेक ऐसी आर्किटेक्ट डिजाइन है जिनसे अन्य देशों को सीखने की जरूरत है। निर्माण कार्यों में पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा। भवनों का निर्माण भूकंप रोधी, तापमान, वर्षा, सर्दी, वर्षा जल संचयन, प्रदूषण, वेंटिलेशन को ध्यान में रखते हुए करना होगा। सबसे जरूरी बात है कि निर्माण लागत में भी अधिकता ना आए और गुणवत्ता के सभी मानक भी ध्यान में रखे जाएं। डिजाइनर का नाम उसके द्वारा बनाए गए निर्माण से ही होता है।प्रदेश में पहली बार आर्किटेक्ट महाकुंभ का आयोजन किया गया। इसमें देश एवं विदेश के अनेकों विख्यात आर्किटेक्ट ने भाग लिया।