नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने तमिलनाडु राज्य के कम से कम दस शहरों में जलवायु-सुदृढ़ जलापूर्ति, सीवरेज और जल निकासी संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास से जुड़े 500 मिलियन डॉलर के बहु-किस्त वित्त पोषण की पहली किस्त के रूप में 169 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर आज नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।
‘तमिलनाडु शहरी प्रमुख निवेश कार्यक्रम’ के लिए ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव (फंड बैंक एवं एडीबी) श्री समीर कुमार खरे और एडीबी की ओर से एडीबी के भारत निवासी मिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर श्री खरे ने कहा कि हाल के वर्षों में तमिलनाडु को बार-बार सूखे और अनियमित मानसून का सामना करना पड़ा है, जिस वजह से यहां पर जल की भारी किल्लत होने के साथ-साथ शहरों में बाढ़ की भी नौबत आ गई। उन्होंने कहा कि एडीबी की ओर से मिलने वाले इस सहयोग से अभिनव एवं जलवायु-सुदृढ़ निवेश के साथ-साथ व्यापक संस्थागत सहयोग के जरिए इन जटिल शहरी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
श्री योकोयामा ने कहा कि एडीबी का कार्यक्रम राज्य के विजन तमिलनाडु 2023 के लिए उसके द्वारा दिए जाने वाले सहयोग का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सभी की पहुंच जल एवं स्वच्छता तक सुनिश्चित करना और उच्च कार्य निष्पादन वाले औद्योगिक गलियारों (कॉरिडोर) में विश्वस्तरीय शहरों का विकास करना है।
पहली किस्त वाली ऋण राशि के जरिए चेन्नई, कोयम्बटूर, राजपालयम, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली और वेल्लोर को लक्षित किया जाएगा। जापान सरकार द्वारा बनाए गए एशियाई स्वच्छ ऊर्जा कोष से प्राप्त 2 मिलियन डॉलर के अनुदान से सौर ऊर्जा से जुड़ी प्रायोगिक (पायलट) परियोजना का वित्त पोषण किया जाएगा। इसी तरह एडीबी से एक मिलियन डॉलर का तकनीकी सहायता अनुदान भी इस कार्यक्रम के लिए मिलेगा, ताकि क्षमता निर्माण में सहयोग दिया जा सके।