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झारखंड विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना के लिए भारत सरकार और विश्व बैंक ने 310 मिलियन डॉलर के ऋण समझौता पर हस्ताक्षर किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: झारखंड के लोगों को 24 x 7 विश्‍वसनीय, गुणवत्‍तासंपन्‍न तथा किफायती बिजली प्रदान करने के उद्देश्‍य से झारखंड विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना के लिए भारत सरकार, झारखंड सरकार तथा विश्‍व बैंक ने आज नई दिल्‍ली में 310 मिलियन डॉलर के ऋण समझौता पर हस्‍ताक्षर किया।

झारखंड विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना से झारखंड में नई बिजली ट्रांसमिशन संरचना बनाने में मदद मिलेगी और राज्य की बिजली क्षेत्र की कंपनियों की तकनीकी दक्षता और वाणिज्‍यिक प्रदर्शन में सुधार होगा। परियोजना से ऑटोमेटेड सब-स्‍टेशन तथा नेटवर्क विश्‍लेषण और नियोजन उपकरण जैसे आधुनिक टेक्‍नोलॉजी समाधान लागू करने में मदद मिलेगी। इससे बिजली की विश्‍वसनीय आपूर्ति हेागी और उपभोक्‍ताओं की संतुष्‍टि में वृद्धि होगी।

प्रस्‍तावित निवेश के एक बड़े भाग का उद्देश्‍य बिजली ट्रांसमिशन संरचना में सुधार करना है। परियोजना सरकारी क्षेत्र की बिजली ट्रांसमिशन और वितरण कंपनियों की संस्‍थागत क्षमताओं को विकसित करने और उनके संचालन में सुधार पर फोकस करेगी।

यह परियोजना भारत सरकार द्वारा 2014 में लांच किए गए सबके लिए बिजली कार्यक्रम का हिस्‍सा है। योजना में निजी और सार्वजनिक निवेश के माध्‍यम से 2022 तक 4.5 गीगावाट बिजली उत्‍पादन क्षमता (सौर ऊर्जा से 1.5 गीगावाट उत्‍पादन सहित) को जोड़ने का प्रावधान है।

परियोजना के लिए समझौता पर भारत सरकार की ओर से वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव श्री समीर कुमार खरे,  झारखंड सरकार की ओर से वहां के ऊर्जा  विभाग की सचिव सुश्री वंदना ददेल और विश्‍व बैंक की ओर से वर्ल्‍ड बैंक इंडिया के कंट्री डायरेक्‍टर श्री जुनैद अहमद ने हस्‍ताक्षर किया।

समझौता पर हस्‍ताक्षर के बाद श्री समीर कुमार खरे ने कहा कि झारखंड सबके लिए बिजली योजना में शामिल होने वाले पहले राज्‍यों में है और राज्‍य ट्रांसमिशन तथा बिजली वितरण सुधार का प्रयास कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि बिजली की विश्‍वसनीय मांग आने वाले वर्षों में लगभग दोगुनी हो जाएगी। यह परियोजना राज्‍य के आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा  आवश्‍यकताओं को पूरी करने में मदद देगी।

विश्‍व बैंक के कंट्री मैनेजर श्री जुनैद अहमद ने कहा कि झारखंड सरकार राज्‍य के आर्थिक विकास के लिए लोगों को गुणवत्‍ता संपन्‍न बिजली आपूर्ति के लिए संकल्‍पबद्ध है। यह परियोजना घरों, उद्योगों, कारोबार तथा अन्‍य उत्‍पादक क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति बढ़ाने में सहायता देगी और गरीबी उपशमन तथा झारखंड में समावेशी विकास में योगदान करेगी।

झारखंड वितरण कंपनी के डाटा के अनुसार राज्‍य के 80 प्रतिशत लोगों तक बिजली पहुंची है, लेकिन राज्‍य को उपभोक्‍ताओं के लिए विश्‍वसनीय रूप से 24×7 बिजली देने के लिए कार्य जारी रखना होगा। झारखंड में वित्‍त वर्ष 2016 के अंत तक बिजली की खपत प्रति व्‍यक्‍ति 552 किलोवाट रही है, जो राष्‍ट्रीय औसत से लगभग आधी है।

परियोजना के प्रमुख घटकों में नए सब-स्‍टेशनों तथा मुख्‍य रूप से 132 किलोवाट वॉल्‍टेज स्तर की नई ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण करना और राज्य लोड डिस्‍पैच स्‍तर (एलडीसी) के संचालन को मजबूत बनाने के लिए प्रणाली स्‍थापित करने में झारखंड ऊर्जा संचार निगम लि. (जेयूएसएनएल) को समर्थन देना है। इससे राज्‍य ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने में मदद मिलेगी।

पुनर्निमाण और विकास के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय बैंक (आईबीआरडी) से 310 मिलियन डॉलर के ऋण की रियायत अवधि 5 वर्ष है और इस ऋण की अंतिम परिपक्वता अवधि 25 वर्ष है।

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