लखनऊ: अयातुल्ला शेख इब्राहिम ज़काज़की की गिरफतारी और उनके इलाज में बरती जा रही लापरवाही की
निंदा करते हुए मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैयद कलबे जवाद नकवी ने कहा कि हम नाइजीरियाई सरकार से अपील करते है कि अयातुल्लाह ज़काज़ाकी को इलाज के लिये भारत आने की इजाज़त दी जाये। मौलाना ने बताया कि अयातुल्ला ज़काज़ाकी के वकील ने अदालत में अपील की है कि अयातुल्लाह ज़काज़ाकी को इलाज के लिए भारत जाने की अनुमति दी जाए, लेकिन नाइजीरियाई सरकार उन्हें भारत आने की अनुमति नहीं दे रही है यह निंदन्यि है। सूत्रों के अनुसार, नाइजीरिया सरकार उनके इलाज में लापरवाही बरत रही है और उन्हें सरकार के इशारे पर “सलो पोईज़न“ दिया जा रहा है, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को अयातुल्ला ज़कज़की की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
मौलाना ने अपने संबोधन में कहा कि नाइजीरियाई सरकार अयातुल्ला ज़कज़की के इस्लामिक आंदोलन से डरती है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 15 साल में लाखों लोगों को मज़हब ए हक की कामयाब दावत दी है। शिया नाइजीरिया में अल्पसंख्यक हैं, इसलिए उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा है, अयातुल्ला ज़कज़की के खिलाफ गलत रूप से सेना का इस्तेमाल किया गया ताकि उनके इस्लामिक आंदोलन को समाप्त कर दिया जाये। उनके बच्चों को शहीद कर दिया गया। उनका समर्थन करने वाले पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को कतल कर दिया गया। उनके हज़ारों समर्थकों को अब भी जेल में रखा गया है। हमारी मांग है कि शेख ज़काज़की के साथ उनके निर्दोष समर्थकों को भी रिहा किया जाए।
मौलाना कलबे जवाद ने भारत सरकार से भी मांग की है कि वह शेख ज़कज़ाकी को इलाज के लिए भारत लाने के लिए नाइजीरिया सरकार पर राजनयिक दबाव स्थापित करे।