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वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के उच्चाधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ ग्रामीण एवं नगरीय स्वच्छता मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तर प्रदेश

देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभी जिलाधिकारियों को ग्रामीण एवं नगरीय स्वच्छता मिशन के तहत राज्य को 09 नवम्बर तक खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) घोषित करने के लिये प्रभावी पहल करने के निर्देश दिये है। इसके लिये आपदाग्रस्त 05 जनपदों को आपदा मद से मनरेगा, भवन निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों को श्रम विभाग से भी शौचालय निर्माण के लिये धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। जिलाधिकारी अपने जनपदों में इसकी पूरी स्थिति का आंकलन कर कार्य आरम्भ करें। उन्होंने इसके लिये पूरे प्रदेश में अभियान संचालित करने तथा साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत गांवों में भी कूडा निस्तारण अभियान संचालित करने को कहा।
बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदवार खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) की स्थित की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि डीएम व सीडीओ इसकी निरन्तर निगरानी करें। शौचालयों के निर्माण के प्रगति व गुणवत्ता के लिये नोडल अधिकारी नामित किये जाय। पुराने शौचालयों की मरम्मत के उन्होंने निर्देश दिये। इसके लिये 02 अक्टूबर से प्रदेश भर में स्वच्छता अभियान संचालित करने पर उन्होंने बल दिया।
उन्होंने जिलाधिकारियों से शौचालयों के निर्माण के लिये बैकों से भी लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराने को कहा। इसके ब्याज की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जायेगा। ग्रामीण स्वच्छता समीतियों का भी इसमे सहयोग लिया जाय। ओडीएफ होने वाले गांवों को पेयजल की योजनाओं की स्वीकृति के लिये भी वरीयता दी जायेगी। उन्होंने हर 10 दिन में इसकी समीक्षा करने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने शौचालयों के निर्माण की यू0सी0 भी शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा ताकि अवशेष धनराशि की स्वीकृति भी केन्द्र से प्राप्त हो सके। उन्होंने नगरीय क्षेत्रों में कम्यूनिटी टाॅयलेट निर्माण तथा इन क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिये 04 हजार की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के साथ ही दिसम्बर से खुले में शौच करने वालों को दंडित करने का प्राविधान करने को कहा।
उन्होंने दोनों मण्डलों में ओडीएफ होने वाले एक-एक जनपदों के जिलाधिकारियों के अनुभवों को समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने, स्कूली छात्रों को स्वच्छता की शपथ दिलाने, जन जागगरूकता का प्रसार करने, स्वच्छता के लिये ग्राम प्रधानों को पत्र भेजने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ओडीएफ कार्यक्रम के लिये धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी। जिलाधिकारी अपने जनपदों को 9 नवम्बर तक खुल में शौच से मुक्त कराने का कार्य सम्पादित करें। इसके लिये उनके व्यक्तिगत प्रयास अपेक्षित है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री डा.(श्रीमती) इंदिरा हृदयेश, दिनेश धनै, नवप्रभात, विधायक ललित फस्र्वाण, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, डीएस गब्र्याल, शैलेश बगोली, विनोद शर्मा, अरविन्द हयांकी, जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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