नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (भा.प्र.से.) के अधिकारियों की वास्तविक पहलें किसी भी सूरत में बाधित न हों। वह आज यहां केंद्रीय भा.प्र.से. के अधिकारियों के संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संगठन के मानद सचिव श्री संजय भूसरेड्डी ने किया जिन्होंने उनसे मुलाकात की एवं उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ईमानदार एवं सच्चे अधिकारियों को जनता के हित में वास्तविक निर्णयों को लेने के लिए सुरक्षा मिले और वे प्रशासनिक निर्णय लेने में अपनी पहलों के लिए संकोच न करें या बाधित महसूस न करें।
प्रतिनिधिमंडल ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 एवं आपराधिक कार्यवाही कोड, 1973 समेत कानूनों पर फिर से विचार करने का सुझाव दिया है एवं वर्तमान में कार्यरत एवं सेवानिवृत अधिकारियों दोनों के लिए ही सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने अदालती मामलों को लडने के लिए उपयुक्त कानूनी सहायता दिए जाने की भी मांग की है।
डा. जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों को यह आश्वासन देते हुए कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है कि भा.प्र.से. के अधिकारियों की पहलें किसी भी सूरत में बाधित न हों, कहा कि भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक, 2013 संसद में विचाराधीन है और इसमें इनमें से कई पहलुओं पर ध्यान दिया गया है।