इस लॉकडाउन के कारण कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. खासतौर से दिहाड़ी मजदूरों को जो शहरों में दो वक्त की रोटी कमाते थे पर उनके पास रोजगार नहीं है. ऐसे में उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. दिहाड़ी मजदूरों से लेकर अलग-अलग राज्यों के विद्यार्थी अपने घर वापस जाने की अपील कर रहे हैं.
ऐसे में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश दिया है कि, वह अपने राज्यों के लिए लोगों को वापस बुलाने की तैयारियां शुरू करें. इसी के साथ अब केंद्र सरकार लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए ट्रेन चलाने पर विचार विमर्श कर रही है. पर इस संकट की स्थिति में रेलवे से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है.
फंसे हुए नागरिकों को ये जानकारी देनी जरूरी
- नाम और स्थानीय पता
- मोबाइल नंबर और घर पर संपर्क सूत्र
- किस राज्य में कहां पर फंसे हैं
- आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र, जिसमें आपका पूरा पता स्पष्ट रूप से लिखा हो
- सरकार आपको वापस लाने के लिए वाहन की व्यवस्था करेगी लेकिन चाहें तो आप अपने वाहन का ऑप्शन भी फार्म में चुन सकते हैं।
इन शर्तों के साथ होगी घर वापसी
दूसरे राज्य से आपको निकालने से पहले आपकी पूरी तरह से जांच की जाएगी। अगर आप में कोरोना के लक्षण पाए गए तो आपको वापस आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं आपके फोन में अरोग्य सेतू ऐप होना आनिवार्य है। आपको वापस लाते समय राज्य सरकार जो व्यवस्था करेगी आपको उसी से आना पड़ेगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
गंतव्य तक पहुंचने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की टीम आपकी जांच करेगी। इसके बाद आपको होम क्वारंटाइन किया जाएगा। वहीं अगर आप रजिस्ट्रेशन के वक्त कोई जानकारी छिपाते या गलत बताते हैं तो आपके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
नीचे राज्य के नाम पर क्लिक कर करें अप्लाई
बिहार और झारखंड के लोग कोरोना सहायता ऐप डाउनलोड करें। इस ऐप के जरिए आपको सहायता मिलेगी। ऐसे में अभी कई राज्य पोर्टल पर काम कर रहे हैं। जल्द ही अन्य राज्य भी लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए पोर्टल लांच कर देंगे।
गृह मंत्रालय ने जारी किया था आदेश
मालूम हो कि, गृह मंत्रालय ने लोगों की दिक्कतों को देखते हुए कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा की जिसमें ये साफतौर पर नजर आया कि, लॉकडाउन से देश को कई फायदे हुए हैं. इसलिए 4 मई से कई जिलों में दिशा-निर्देशों के साथ ढील दी जा सकती है. इस आदेश पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बताया कि, फंसे हुए लोगों के लिए बसों का उपयोग होगा जिन्हें पूरी तरह सैनेटाइज किया जाएगा और लोगों को दूरी बनाकर ही बैठाया जाएगा. Source Live जागरण