देहरादून: उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत ने आज राजभवन नैनीताल पहुँचकर राजभवन नैनीताल के निकट ‘निहाल नाले’ से हो रहे भूकटाव/भूस्खलन को रोकने के लिए किए जा रहे सुरक्षात्मक व मरम्मत कार्यों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक ली।
बैठक से पूर्व उन्होंने स्थलीय निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान कार्यदायी संस्था पी.डब्ल्यू.डी के मुख्य अभियंता बी.सी.बिनवाल तथा कन्सल्टिंग एजेन्सी टी.एच.डी.सी के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 मार्च तक निहाल नाले के मरम्मत व सुरक्षात्मक सम्बन्धी कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ हर हालत में पूर्ण कर लिए जायें।
राज्यपाल ने अब तक किए गए कार्यों पर संतोष जाहिर किया। इस महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट के लिए अपेक्षित अतिरिक्त धनराशि शासन से यथाशीघ्र अवमुक्त कराने के संदर्भ में वित्त सचिव से आवश्यक समन्वय के लिए सचिव राज्यपाल डाॅ0 भूपिन्दर कौर औलख को निर्देशित किया।
निहाल नाले के संरक्षण/सुरक्षात्मक कार्यों को आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा की दृष्टि से भी अत्यन्त संवेदनशील व महत्वपूर्ण बताते हुए राज्यपाल ने सम्बन्धित अधिकारियों से कहा कि कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी न हो इसके लिए निरन्तर अनुश्रवण भी सुनिश्चित किया जाए। आस-पास के क्षेत्रों में ऐसे वृक्षों, झाडियों और पौधों को लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाए जो भूक्षरण रोकने में मददगार हों।
इसी दौरान राज्यपाल ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नागेश्वर राव जिनके पास कुमायूँ विश्वविद्यालय का प्रभार भी है, के साथ भी बैठक कर विश्वविद्यालय की गतिविधियों के विषय में जानकारी ली।
राज्यपाल ने आज प्रातः नैनीताल के लिए प्रस्थान किया था। वहाँ निहाल नाले के कार्यों तथा राजभवन नैनीताल के कंजर्वेशन से सम्बन्धित कार्यों का निरीक्षण व समीक्षा कर वे वापस राजभवन देहरादून पहुँच चुके हैं।