लखनऊ: महामहिम हमें इस बात से बहुत प्रसन्नता है कि पिछले कुछ दिनों से आप रामपुर की समस्याओं के सम्बंध में
बहुत रूचि ले रहे हैं। हमें यह जानकार और देखकर और भी अच्छा लगा कि आपने रामपुरवासियों की समस्याओं के समाधान और उन पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिये संवैधानिक बाधाओं तथा राज्यपाल की गरिमा को भी आड़े नहीं आने दिया है।
आपके संज्ञान में लाया जा चुका है कि आसरा की कालोनियां बनाने सड़कों का निर्माण कराने या सरकारी भवन बनाने एवं स्कूल कालेज की इमारते बनाने के नाम पर नगर में कई स्थानों से लोगों द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाया गया है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही आज भी सपा सरकार तथा प्रदेष के कद्दावर नेता एवं वरिष्ठ मंत्री की ओर से जारी है और आगे भी चलते रहने की संभावना है। नगर को सुन्दर बनाने क़ानून व्यवस्था क़ायम करने एवं सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के नाम पर हमारे साथ घोर अत्याचार किया जा रहा है जो कि इससे पहले कोई नहीं कर सका। हम सदियों से एक विषेष विचारधारा के साथ जीवन गुजारने वाले रूढ़िवादी एवं रीतिरिवाज से बंधे लोगों के वंषज हैं जो षिक्षा एवं विकास के नाम पर होने वाली इन गतिविधियों से स्वयं को सहमत नहीं पाते हैं। हमारी समस्या भी वास्तव में यही है कि हम षिक्षा एवं विकास के नाम पर इन गतिविधियों को सहन नहीं कर पा रहे हैं। हमें लगता है कि इस लड़ाई को लड़ने के लिये आपका नेतृत्व ही सक्षम है। महामहिम हमें प्रसन्नता है कि रामपुर के कुछ साफ़-सुथरे, गोरे-चिटटे सुन्दर एवं ’’अच्छे चाल चलन’’ वाले लोगों ने आपको समय रहते हम रामपुरवासियों की समस्याओं से अवगत करा दिया है। अति प्रसन्नता का विषय यह भी है कि आपने ऐसे साफ़-सुथरे और ’’अच्छे चालन चलन’’ के लोगों के लिये राजभवन के दरवाजे़ पूरी तरह खोल दिये हैं तथा अपनी राजकीय व्यवस्तता तथा संवैधानिक ज़िमेदारियों को दरकिनार करके रामपुर से जाने वाले इन ‘‘आदर्ष लोगों’’ को समय देेने में भी कभी कोई हिचकिचाहट महसूस नहीं की है। हमें ऐसा लगता है कि कुछ निजी मामलात, निजी रूचियों में तथा कुछ ख़ास समस्याओं में आप अपने रूतबे की परवाह नही करते हुये भी विषेष रूचि लेते हैं। आप की इन गतिविधियों, इन आदर्षों तथा इन विषेष रूचियों को देखते हुये ही हम यह खुला पत्र आपकी सेवा में प्रेष्ति कर रहे हैं कि कृपया हमें प्रगति, उन्नति, निर्माण एवं षिक्षा के नाम पर होने वाले इन अत्याचारेां एवं ज़्याद्तियों से बचाने के लिये थोड़ा खुलकर आने का कष्ट करें। हमें लगता है कि केवल राजभवन में बैठकर और राजभवन की तनहाईयों में कुछ ‘‘सुन्दर एवं उज्ल्वल’’ आचरण के साफ-सुथरे युवकों से बारबार मिलकर ही समस्याओं का समाधान संभव नहीं हो सकेगा। अतः हम आपसे सनम्र एवं सादर आग्रह करते हैं, अपील करते हैं गुजारिष करते हैं कि अब आप राजभवन की चहारदीवारी से निकलें और सपा सरकार के अत्याचारों एवं प्रदेष के वरिष्ठ एवं कद्दावर मंत्री की षिक्षा एवं विकास के नाम पर की जाने वाली ज़्याद्तियों को सहन करने वाले हम लोगों के साथ कम से कम रामपुर कलेक्टेªट में एक दिन के धरने पर बैठने के लिये अवष्य ही रामपुर तषरीफ लायें। हम रामपुरवासी आपके साथ इस लड़ाई को लड़ने के लिये अति उत्सुक हैं।
महामहिम कृृपया तिथि निर्धारित कीजिये। हजारों रामपुरवासी आपके साथ हैं। प्रदेष सरकार के विरूद्ध एक दिन का विषाल एवं ऐतिहासिक धरना रामपुर के इतिहास में भी यादगार होगा और जनता से ‘‘प्रेम’’ करने वाले आप जैसे राज्यपाल के जीवन के लिये भी एक महत्वपूर्ण मौक़ा होगा। हम विष्वास दिलाते हैं कि आपके नेतृत्व में होने वाले इस ऐतिहासिक धरने में केवल राजभवन जाने वाले सुन्दर युवक ही नहीं अपितु रामपुर के इन जैसे और भी अन्य अतिसुन्दर, अति गतिषील एवं बहुत सी प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक खूबियाँ रखने वाले युवक भी बड़ी संख्या में अवष्य ही षामिल होंगे जिससे आपका रूतबा भी बढ़ेगा और आपके रहते राजभवन की गरिमा भी। हम अत्याचारों से सताये हुये रामपुरवासी आपके नेतृत्व में होने वाले इस ए दिवसीय धरने की तिथि की सूचना की प्रतीक्षा में हैं और आषा ही नहीं बल्कि विष्वास करते हैं कि आप हमें मायूस नहीं करेंगे।