नई दिल्ली: नोवेल कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन के दौरान आवश्यकवस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हर संभव कदम उठा रही हैं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिएआम जनता,स्वास्थ्यकर्मियों, अस्पतालों आदि के द्वारा हैंड सैनिटाइजर्स का उपयोग किया जा रहा है।सैनिटाइज़र्स की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है तथा मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिएआबकारी आयुक्तों, गन्ना आयुक्तों,ड्रग कंट्रोलर्स के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के जिला कलेक्टरों सहित राज्य सरकार के अधिकारियों को हैंड सैनिटाइज़र्स के निर्माताओं को इथेनॉल / ईएनए की आपूर्ति में सभी अड़चनों को दूर करने तथा हैंड सैनिटाइज़र्स बनाने के इच्छुक डिस्टिलरी (मद्यशाला) सहित आवेदकों को अनुमति/लाइसेंस देने की सलाह दी गई है। हैंड सैनिटाइज़र्स का थोक में उत्पादन करने में समर्थ डिस्टिलरी/चीनी मिलों को भी हैंड सैनिटाइज़र्स बनाने के लिए प्रेरित किया गया है। अधिकतमउत्पादन करने के लिए इन विनिर्माताओं को तीन पारियों में काम करने के लिए भी कहा गया है।
लगभग 45 डिस्टिलरी और 564 अन्य विनिर्माताओं को हैंड सैनिटाइज़र्स बनाने की अनुमति दी गई है; 55 से अधिक डिस्टिलरी को एक या दो दिनों में अनुमति दिए जाने की संभावना है; तथामौजूदा परिदृश्य में कई अन्य को हैंडसैनिटाइज़र्स का उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उनमें से अधिकांश ने उत्पादन शुरू कर दिया है और अन्य द्वारा एक सप्ताह के भीतर उत्पादन शुरू करने की संभावना हैं; इस प्रकार उपभोक्ताओं और अस्पतालों के लिए हैंड सैनिटाइज़र्स की पर्याप्त आपूर्ति होगी।
आम जनता और अस्पतालों को उचित मूल्यों पर हैंड सेनिटाइज़र्स उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सैनिटाइज़र्स का अधिकतम खुदरा मूल्य भी निर्धारित किया है। हैंड सैनिटाइज़र्स की खुदरा कीमत प्रति200 मिली बोतल 100 रुपये से अधिक नहीं होगी; हैंड सैनिटाइज़र्स की अन्य मात्रा की कीमतें इन्हीं कीमतों के अनुपात में तय की जाएंगी।