रुड़की: कोई भी देश तभी तरक्की कर सकता है जब वह अपनी भाषा में कामकाज करे क्योंकि अपनी भाषा में अभिव्यत्तिफ सबसे आसान होती है। यह बात शुक्रवार को राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (एनआइएच) रुड़की में आयोजित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की 23वीं अघ्र्द्धवार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बीएचइएल हरिद्वार के महाप्रबंधक (टरबाइन) बिस्वजीत दास ने कही। उन्होंने कहा कि हिंदी की प्रगति हो रही है, लेकिन लक्ष्य प्राप्ति अभी नहीं हुई है। सभी कार्यालयों और संस्थाओं में हिंदी अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी चाहें तो हिंदी में कामकाज को बढ़ाया जा सकता है। उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश समेत कई अन्य राज्य ऐसे हैं जहां हिंदी भाषा में ही पढ़ाई होती है। इसके बावजूद हिंदी को बढ़ावा देने में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग अधिक से अधिक करने पर जोर दिया। राजभाषा विभाग से आई उपनिदेशक (कार्यान्वयन) प्रतिभा मलिक ने कहा कि हिंदी का काम तो बहुत हो रहा है लेकिन हिंदी में काम कम हो रहा है। हिंदी से जुड़े कार्यक्रमों को सिपर्फ आयोजन के रूप में न लें बल्कि नई तकनीकों का इस्तेमाल कर हिंदी को आगे बढ़ाएं। हमें हिंदी में बात करने में गर्व महसूस होना चाहिए। उन्होंने नराकास से जुड़े कार्यालय प्रमुखों के कम संख्या में पहुंचने पर चिंता जताई। इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार बीएचइएल हरिद्वार के प्रवीण कुमार सिंह, द्वितीय पुरस्कार जवाहर नवोदय विद्यालय हरिद्वार के कृष्ण कुमार यादव और तृतीय पुरस्कार उत्तर रेलवे हरिद्वार के आशीष शर्मा को दिया गया जबकि प्रोत्साहन पुरस्कार सीबीआरआइ रुड़की से सुशील कुमार और टीएचडीसीआइएल ऋषिकेश से राकेश सिंह पंवार को मिला। वहीं सदस्य संस्थानों द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर उन्हें राजभाषा वैजयंती शील्ड प्रदान की गई। इसमें रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, लंढौरा, चमोली, देवप्रयाग, पीपलकोटी आदि शहरों से आए राजभाषा कर्मियों ने भाग लिया। बैठक में एनआइएच रुड़की के निदेशक राजदेव सिंह, आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी, सीबीआरआइ के निदेशक डाॅ. एन गोपालकृष्णन, बीएचइएल हरिद्वार के महाप्रबंधक (मानव संसाधनद्ध एसके अग्रवाल, टीएचडीसीआइएल के निदेशक (कार्मिक) एसके बिस्वास, एनआइएच के राजभाषा प्रभारी डाॅ. मनोहर अरोड़ा, श्रीनिवास जोशी, वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी विनीत वशिष्ट, नरेश कुमार, पवन कुमार, टीआर सपरा, नरेंद्र वाष्र्णेय, पीके उनियाल, चारू पांडेय आदि उपस्थित रहे।
बीएचबीसी न्यूज एजेंसी।