नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा नेटवर्क (जीएसटीएन) ने विदेशी मुद्रा प्राप्ति और आयात निर्यात कोड से जुड़े आंकड़ों को साझा करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे जीएसटी के तहत करदाताओं के निर्यात लेन-देन की प्रोसेसिंग के मजबूत होने, पारदर्शिता बढ़ने और मानवीय इंटरफेस कम होने की उम्मीद है।
उपर्युक्त सहमति पत्र पर विदेश व्यापार महानिदेशक श्री अजय के भल्ला और जीएसटीएन के सीईओ श्री प्रकाश कुमार ने 27 अक्टूबर, 2016 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए। इलेक्ट्रॉनिक बैंक प्राप्ति सर्टिफिकेट (ईबीआरसी) से भारत में हासिल विदेशी मुद्रा के लेन-देन स्तर का ब्यौरा मिलता है। डीजीएफटी द्वारा कार्यान्वित ईबीआरसी परियोजना के तहत निर्यातकों, बैंकों, केंद्र एवं राज्य सरकार के विभागों द्वारा बैंक प्राप्ति से संबंधित समस्त सूचनाओं को हासिल करने, उनकी प्रोसेसिंग एवं बाद में उपयोग के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म बनाया गया। ई-बीआरसी परियोजना से बैंकों को निर्यात से संबंधित विदेशी मुद्रा प्राप्ति की सूचनाओं को एक सुरक्षित प्रोटोकॉल के तहत डीजीएफटी सर्वर पर अपलोड करने में मदद मिलती है।
भारत में परिचालन कर रहे 100 बैंकों ने अब तक 1.9 करोड़ से भी अधिक ई-बीआरसी को डीजीएफटी सर्वर पर अपलोड कर दिया है, जिनमें विदेशी बैंक और सहकारी बैंक भी शामिल हैं।