लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजन हेतु विशिष्ट दिव्यांगता पहचान-पत्र (यू0डी0आई0डी0) बनाये जाने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य देश के सभी दिव्यांगजनों का एक समग्र डाटाबेस विकसित कर उसके तहत सभी दिव्यांगजनों का एक पहचान-पत्र और दिव्यांगता प्रमाण-पत्र निर्गत करना है, जो पूरे भारत के लिए मान्य होगा। इस सम्बन्ध में विस्तृत विवरण www.swavlambancard.gov.in पर देखा जा सकता है।
प्रदेश के मुख्य सचिव, श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार इस परियोजना के तहत केन्द्रीय वेब एप्लीकेशन पूरे भारत के लिए दिव्यांगजन के डाटाबेस को आॅनलाइन सुलभ कराना, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र निर्गमन हेतु आॅनलाइन आवेदन करना और पंजीयन कराना, दिव्यांगजन के डाटाबेस में डुप्लीकेशन समाप्त करना, आॅनलाइन नवीनीकरण करना और अद्यावधिक करना, तैयार किये गये डाटाबेस के आधार पर विभिन्न प्रकार के प्रतिवेदन तैयार करना तथा दिव्यांगजन के लिए विभिन्न योजनाओं की परिकल्पना करना और उसके आधार पर योजनाएँ तैयार किया जाना है।
इस परियोजना के समन्वय के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी तथा जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी की एक तीन सदस्यीय समिति होगी, जो इसकी नियमित प्रगति का अनुश्रवण सुनिश्चित करेगी। समिति अनिवार्य रूप से प्रत्येक माह में कम से कम एक बार इसकी प्रगति की अवश्य समीक्षा करेगी। भारत सरकार द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए जो भी धनराशि उपलब्ध करायी गयी है, उसका जनपद स्तर पर उचित सदुपयोग सुनिश्चित किया जायेगा और इस समिति से कार्ययोजना का अनुमोदन प्राप्त करके व्यय सुनिश्चित किया जायेगा। साथ ही प्राप्त धनराशि के सदुपयोग का उपभोग प्रमाण-पत्र जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी द्वारा भेजा जायेगा तथा जिन जनपदों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के लिए इस परियोजना हेतु कम्प्यूटर हार्डवेयर के लिए धनराशि प्राप्त हो गयी है या हो रही है, वह इस धनराशि का इसी परियोजना हेतु सदुपयोग करेंगे और उसका उपभोग प्रमाण-पत्र भारत सरकार को भेजना सुनिश्चित करेंगे।
जारी सर्कुलर के अनुसार यह परियोजना नितान्त महत्वपूर्ण है और दिव्यांगजन के लिए इसका दूरगामी प्रभाव होगा। दिव्यांगजन को मिलने वाली सभी सुविधाएं इस पहचान पत्र पर आधारित होंगी। वर्तमान में दिव्यांगजन को जो दिव्यांगता प्रमाण-पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा निर्गत किये जा रहें हैं, वह केवल प्रदेश हेतु ही मान्य हैं, किन्तु यू0डी0आई0डी0 कार्ड की मान्यता राष्ट्रीय स्तर की होगी।
परियोजना से सम्बन्धित समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि दिव्यांगजन के लिए नितान्त महत्वपूर्ण इस अभिलेख (यू0डी0आई0डी0) को निर्गत किये जाने हेतु पूर्ण गम्भीरता एवं तत्परता से प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें, ताकि परियोजना का उद्देश्य वास्तविक रूप से पूर्ण हो सके और इसके क्रियान्वयन के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश की स्थिति अग्रणीय रूप से स्थापित हो सके।