लखनऊः राज्य सरकार ने प्रदेश के 05 जनपदों-महोबा, सोनभद्र, मिर्जापुर, ललितपुर एवं झांसी-को सर्वाधिक सूखा प्रभावित जनपद घोषित किया है। सूखे से गम्भीर रूप से प्रभावित इन जिलों के परिवारों के लिए जीवन निर्वाह हेतु अहैतुक सहायता/खाद्यान्न वितरण तत्काल किये जाने के निर्देश जिलाधिकारियांे को दिये गये हैं।
सचिव एवं राहत आयुक्त श्री संजय कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि निर्धारित मानक के अनुसार अन्त्योदय लाभार्थियों में से जिन परिवारों की आजीविका प्राकृतिक आपदा (सूखा) से गम्भीर रूप से प्रभावित हुई है, ऐसे परिवारों को 15 किलो आटा, 25 किलो आलू, 5 किलो चने की दाल, 1 किलो आयोडीन युक्त नमक, 1 किलो शुद्ध देशी घी, तीन लीटर सरसों का तेल तथा बच्चों के लिए प्रति परिवार एक किलो मिल्क पाउडर दिया जायेगा। यह खाद्यन्न सामग्री 15 दिन के लिए पर्याप्त होगी। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे प्रभावित परिवारों को दी जाने सामग्री को ऐसे पैकेट में रखकर वितरित कराना सुनिश्चित करें, जिससे उसकी गुणवत्ता तथा सुरक्षा प्रभावित न हो। उन्होंने बताया कि सूखा प्रभावित परिवारों में से खाद्यान्न वितरण हेतु पात्र परिवारों के चयन में भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों आदि का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
राहत आयुक्त ने बताया कि जनपद महोबा में तहसील महोबा, चरखारी एवं कुलपहाड़, जनपद सोनभद्र में तहसील घोरावल, दुद्धी एवं राबर्टगंज जनपद मिर्जापुर की तहसील मड़िहान, जनपद झांसी की तहसील गरौठा एवं मऊरानीपुर तथा इसी जनपद की तहसील झांसी के 27 गांव और तहसील टहरौली के 48 गांव तथा जनपद ललितपुर के तहसील तालबेहट के 12 गांव को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि इन गम्भीर रूप से सूखा प्रभावित परिवारों के लिए जीवन निर्वाह के लिए अहैतुक सहायता देने के लिए मानक एवं दरों का निर्धारण कर दिया गया है।
राहत आयुक्त ने बताया कि सूखे से गम्भीर रूप से प्रभावित परिवारों के लिए राहत सामग्री का क्रय जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला आपदा राहत समिति की संस्तुति पर करके उपलब्ध करायी जायेगी। राहत सामग्री के क्रय करने में वर्तमान में प्रभावित वित्तीय नियमों एवं भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि राहत सामग्री के क्रय किये जाने में सामग्री की उच्च गुणवत्ता अवश्य सुनिश्चित की जाय। प्रथमतः यह व्यवस्था एक मई से 31 मई तक लागू रहेगी। राहत सामग्री को गांव स्तर पर जिलाधिकारी के मार्गनिर्देशन में उनके द्वारा नामित जिला स्तरीय राजस्व/विकास एवं अन्य विभागीय अधिकारियों की देखरेख में किया जायेगा। जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये है कि राहत सामग्री के वितरण का कार्य शिविर लगाकर जन प्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित किया जाय।
राहत आयुक्त के अनुसार वितरित की गयी राहत सामग्री तथा प्रभावित परिवारों (जिन्हें राहत सामग्री प्रदान की गयी है) का विवरण, पता एवं मोबाइल नं0 सहित जनपद स्तर पर अवश्य रखे जायं। उन्होंने राहत वितरण की प्रगति प्रतिदिन राहत आयुक्त कार्यालय के ई-मेल पर भेजने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा है कि खाद्यान्न सामग्री वितरण में शासन द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं उदासीनता बरर्दाश्त नहीं की जायेगी।