लखनऊः राज्य सरकार ने अमृत योजना के क्रियान्वयन हेतु व्यापक दिशा-निर्देश मिशन निदेशक नगरीय निकाय निदेशालय, निदेशक नगरीय निकाय, समस्त नगर आयुक्तों तथा समस्त अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत, उ0प्र0 को जारी करते हुए योजना के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं को तेजी से लागू किये जाने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख सचिव नगर विकास श्री मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि 24 फरवरी, 2018 को लखनऊ जोन के समस्त अवर अभियन्ताओं एवं अन्य अधिकारियों की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु उठाये गये थे। इस सम्बन्ध में निर्णय लेते हुए कहा गया है कि पेयजल तथा सीवर हाउस कनेक्शन की सूची कनेक्शन के उपरान्त जल निगम द्वारा जल संस्थान को उपलब्ध करायी जायेगी। इस सूची के क्रम में जल निगम के अभियन्ताओं के एम0बी0 तथा सर्टिफिकेशन के आधार पर भुगतान उ0प्र0 जल निगम करेगा। भुगतान हेतु जल संस्थान के सत्यापन की आवश्यकता नहीं है।
निर्देशों में यह भी कहा गया है कि पेयजल/सीवर हाउस कनेक्शन की सूची प्राप्त होने के 07 दिन के अन्दर जल संस्थान को यदि कोई आपत्ति हो तो उसे जल निगम को अवगत करायेगा। उ0प्र0 वाटर सप्लाई एण्ड सीवरेज एक्ट-1975 के प्राविधानों के तहत एक पेयजल कनेक्शन में 30 मीटर तक पाइप डाली जा सकती है। अतः मौके की आवश्यकता को देखते हुए 30 मीटर तक पाइप डालकर पेयजल कनेक्शन अमृत योजना में दिया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा है कि पेयजल हाउस कनेक्शन तथा सीवरेज हाउस कनेक्शन कार्य में कोई भी धनराशि टेस्टिंग एवं अनुरक्षण मद में नहीं रोकी जायेगी, क्योंकि इन कार्यों में तुरन्त ही टेंस्टिंग हो जाती है। प्रमुख सचिव ने सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।