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एन्टी रोमियो स्क्वाड की प्रभावशीलता बढ़ाये जाने के संबंध में दिये गये दिशा-निर्देश

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 ने पूर्व में दिये गये निर्देशों केक्रम में एन्टी रोमियो स्क्वाड द्वारा प्रभावशीलता बढ़ाये जाने हेतु दिशा-निर्देश निर्गत किये गये। प्रदेश के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपद उत्तर प्रदेश को भेजे गये दिशा-निर्देशों के मुख्य बिन्दु निम्नवत हैं।

  • जनपद में सार्वजनिक स्थानों (स्कूल, कालेज, बाजार, माॅल, पार्क, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन आदि) की पूर्व में निगरानी करने के उपरान्त अवांछनीय /आपत्तिजनक गतिविधियाॅ करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही सादे वस्त्रों में पुलिस कर्मियों (जिनमें महिला पुलिस कर्मी भी समुचित रूप से सम्मलित हों) द्वारा की जाये।
  • थानाध्यक्ष/क्षेत्राधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में स्थित बालिका विद्यालयों/कालेजों के प्रधानाचार्य व अध्यापकों के सम्पर्क में रहेंगे। इस हेतु समय-समय पर उनके साथ गोष्ठी कर समन्वय स्थापित करते हुए उनसे शोहदों/मनचलों के बारे में जानकारी एकत्रित करते हुए उनके विरूद्व कार्यवाही करेंगे।
  • सर्वप्रथम प्रत्येक स्क्वाड में नियुक्त महिला कर्मी सादे वस्त्रों में तथा प्राइवेट वाहनों से सार्वजनिक स्थलों यथा-स्कूल, कालेज व कोचिंग संस्थान के आस-पास तथा माॅल्स, बाजार व ऐसे स्थान जहाॅ पर महिलाओं एवं बालिकाओं का आवागमन ज्यादा होता हो को भौतिक रूप से भ्रमण कर चिन्हित कर लें, जहाॅ शोहदों/ मनचलोें के द्वारा म्अम ज्मंेपदह इत्यादि आपत्तिजनक हरकते की जाती हैं।
  • शहर के बाहरी छोर ;व्नज ेापतजद्ध एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी से दूर स्थित बालिकाओं के विद्यालयों/कोचिंग संस्थानों को एण्टी रोमियों  स्क्वाड के कार्यक्षेत्र में अवश्य रखा जाये तथा आवश्यकतानुसार टीम के सदस्यों की बदली कर लगाया जाये ताकि टीम के सदस्यों की पहचान उजागर न हो।
  • प्रत्येक महिला महाविद्यालय/बालिका विद्यालय में एक शिकायत पेटिका लगवायी जाये तथा तथा महिला विद्यार्थियों के मध्य प्रचारित-प्रसारित कराया जाये कि यदि कोई व्यक्ति उन्हें अथवा अन्य महिलाओं को अमूक रास्ते अथवा जगह पर परेशान करता है तो इस सम्बन्ध में वे अपनी शिकायत शिकायत पेटिका में डाल सकती है।
  • इस प्रकार की आपत्तिजनक गतिविधियों में जो लिप्त पाये जायें, उन्हें कड़ी हिदायत देते हुए प्राथमिक रूप से बवनदेमससपदह के द्वारा उनकी सुधारात्मक कार्यवाही की जाये।
  • सुधारात्मक उपाय विफल होने पर अथवा अपराध की गम्भीरता व गुरूता के दृष्टिगत धारा 151, 110 द0प्र0सं0 व 294, 354 भा0द0वि0 तथा गुण्डा एक्ट आदि सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत ठोस विधिक कार्यवाही तत्परतापूर्वक की जाये।
  • यदि कोई व्यक्ति/युवक किसी महिला/युवती को कोई अश्लील शब्द कहता है अथवा छेड़खानी करता है अथवा पीछा करता है या घूरकर देखता है तो सम्बन्धित के विरूद्व अद्यतन विधिक प्रविधानों के तहत कार्यवाही की जाये।
  • प्रभारी एण्टी रोमियों स्क्वाड अभियान के दौरान बालिकाओं/महिलाओं से छेड़खानी करने वाले व्यक्तियों को कड़ी चेतावनी दें।
  • एण्टी रोमियों स्क्वाड के पास ठवकल ूवतद बंउमतं भी उपलब्ध कराया जाये। जब इस प्रकार की गतिविधि करने वाले मनचलों को पकड़ा जाये तो उनकी फोटो ले ली जाये तथा फोटो गैलरी में एक एलबम बनाकर उसे सुरक्षित रख लिया जाये, जिससे उनके ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव भी बनेगा तथा दुबारा गलती करने पर उनके विरूद्व सम्यक कार्यवाही भी की जा सकेगी।
  • प्रत्येक थाने पर इस सम्बन्ध में एक रजिस्टर तैयार किया जाये, जिसमें चिन्हित स्थानों का विवरण, एण्टी रोमियों स्क्वाड द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण अंकित किया जाये।
  • एण्टी रोमियों स्क्वाड का उद्देश्य मुख्य रूप से महिलाओं/युवतियों की सुरक्षा हेतु एक भयमुक्त वातावरण बनाना है, और इसके लिए प्रथम गलती पर परामर्श (ब्वनदेमससपदह) और समझा-बुझाकर उनके द्वारा की जा रही गलती का एहसास करायें।
  • प्रतिदिन अभियान में निकलने से पूर्व एण्टी रोमियों स्क्वाड में नियुक्त पुलिस कर्मियों को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विधिवत ब्रीफिंग व मार्ग-दर्शन किया जाय।
  • एण्टी रोमियों स्क्वाड के कार्यो की साप्ताहिक समीक्षा वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक द्वारा इसका सत्त अनुश्रवण किया जायेगा।
  • आपत्तिजनक गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को कड़ी हिदायत देते हुए प्राथमिक रूप से उनके विरूद्व सुधारात्मक कार्यवाही की जाय।
  • सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वाले महिलाओं में असुरक्षा का कारण बनते हैं। अतः ऐसे स्थानों/व्यक्तियों पर प्रभावी अभियान छेड़ा जाए।

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