लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राजकीय चिकित्सालयों में मृत होने वाले मरीजों के शवों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए निःशुल्क परिवहन सेवा शुरू की है। इस सेवा के सफल संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शव परिवहन सेवा के सुचारू संचालन हेतु समस्त जनपदों में नोडल अधिकारी नामित करने और उनके दूरभाष नम्बर के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए है, ताकि मृतक के परिजन/परिचित द्वारा नोडल अधिकारी से सुगमतापूर्वक सम्पर्क किया जा सके।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य, श्री अरूण कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने यह बताया कि शव परिवहन सेवा को निर्धारित प्रक्रिया के तहत लोगों को उपलब्ध कराने के लिए जनपदों के प्रमुख/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा एक नोडल नामित किया जाएगा, जो चिकित्सा अधीक्षक स्तर का होगा। नोडल अधिकारी से सम्पर्क के लिए उनके दूरभाष संख्या/मोबाइल नवम्बर का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाएगा।
श्री सिन्हा ने बताया कि जनपदीय चिकित्सालयों में आपातकालीन दूरभाष संख्या को भी शव परिवाहन सेवा के उपयोग में लाया जायेगा। आपातकालीन दूरभाष नम्बर अटेंड करने वाले कार्मिक शव परिवहन सेवा से सम्बन्धित काल रिसीव करेंगे और वे मृतक के परिजनों को इस सेवा से संबंधित समस्त जानकारियों भी उपलब्ध कराएंगे। चूंकि यह सेवा बिल्कुल निःशुल्क है। इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता न होने पाए, इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कड़े निर्देश भी दिए गये है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस सेवा से जुड़े सभी शव वाहनों का विवरण, उसके चालक/संचालनकर्ता का दूरभाष संख्या तथा चिकित्सा अधीक्षक (नोडल अधिकारी) एवं आपातकालीन दूरभाष संख्या का प्रत्येक चिकित्सा इकाई पर फलैक्स के माध्यम से प्रदर्शन भी कराने के निर्देश दिए गए हैं।