18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अनाधिकृत कालोनियों पर नियंत्रण हेतु आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अनाधिकृत कालोनियों पर अंकुश लगाने और रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विकास क्षेत्र में कोई भी विकास या निर्माण कार्य करने/कराने से पहले आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधीन विकास प्राधिकरण कार्यालय, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण अथवा समस्त विनियमित क्षेत्र के कार्यालय से अनुज्ञा प्राप्त करना अनिवार्य है।

    आवास विभाग द्वारा इस संबंध में सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों, सभी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्षों तथा समस्त विनियमित क्षेत्र के जिलाधिकारियों/नियत प्राधिकारियों को जारी आदेश में निर्देशित किया गया है कि अनाधिकृत कालोनियों की रोकथाम की जाए। आदेश में कहा गया है कि अनाधिकृत कालोनियों की बढ़ती संख्या के कारण वहां पर निवास करने वाले परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार ने निर्णय किया है कि एक मई 2016 तक निर्मित अनाधिकृत कालोनियों को रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेन्टर के माध्यम से गूगल मैप 15 दिन में अनिवार्य रूप से तैयार कर लिया जाए। गूगल मैप की एक-एक प्रमाणित प्रति अध्यक्ष/मण्डलायुक्त तथा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को भी उपलब्ध कराई जाए। भविष्य में अनाधिकृत निर्माण/विकास पर नियंत्रण हेतु विकास क्षेत्र को जोन्स में विभाजित किया जाए। विकास क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण/विकास पर नियंत्रण हेतु जोन्स में तैनात नोडल/प्रवर्तन अधिकारी चार्ज छोड़ते/ग्रहण करते समय गूगल मैप की हस्ताक्षारित प्रति अनिवार्य रूप से एक-दूसरे को हस्तान्तरित करेंगे, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संबंधित अधिकारी की तैनाती अवधि में कितना अवैध निर्माण हुआ है। अनाधिकृत निर्माण/विकास पर अंकुश के लिए जोन्स में तैनात/प्रवर्तन अधिकारी की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि में भी अनाधिकृत निर्माण/विकास के नियंत्रण से संबंधित टिप्पणी अवश्य अंकित की जाए।

    ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 के अनुसार विकास क्षेत्र में कोई भी विकास/निर्माण कार्य करने से पूर्व इस अधिनियम की धारा-15 के अधीन अनुमति प्राप्त करने को अनिवार्य बनाया गया है। इसकी अवहेलना करते हुए अधिकांश विकास क्षेत्र में ले-आउट प्लान स्वीकृत कराये बिना कालोनियां निर्मित कर ली गई हैं। इनमें अधिकतर में विकास कार्य या तो अधूरे हैं अथवा निर्धारित स्तर के नहीं हैं। आवास विभाग द्वारा इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More