14.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

गोरखा समुदाय ने कठिन समय में राष्‍ट्र की सेवा की है; डॉ. जितेन्‍द्र सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री (डोनर), युवा मामलों और खेल राज्य (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री,

पीएमओ, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि गोरखा समुदाय ने हर अच्‍छे और बुरे समय में तथा सर्वाधिक कठिन परिस्थितियों में राष्‍ट्र की सेवा की है और उनकी बहादुरी, पराक्रम एवं देशभक्ति की कहानियां दूसरों के लिए एक उदाहरण है।
डॉ. जितेन्‍द्र सिंह भारत के गोरखों के एक राष्‍ट्रीय संगठन ‘भारतीय गोरखा परिसंघ’ के एक शिष्‍टमंडल से बात कर रहे थे, जो एक लंबे समय से अपने विचाराधीन मुद्दों के निवारण के लिए कल यहां उनसे मिलने आए थे। उन्‍होंने डॉ. सिंह से हस्‍तक्षेप की मांग की, विशेष रूप से इस तथ्‍य पर विचार करते हुए कि आज पूरे भारत में एक करोड़ से अधिक की गोरखा आबादी में से एक बड़ा हिस्‍सा, जो 35 लाख से भी अधिक है, देश के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में रहता है।
शिष्‍टमंडल का नेतृत्‍व संगठन के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री एस.एम.मोक्‍टम ने किया। श्री मोक्‍टम ने श्री जितेन्‍द्र सिंह के साथ एक विस्‍तृत बैठक की, जिसमें यह प्रमाणित करने के लिए कि वे इस क्षेत्र के स्‍थाई निवासी हैं, समुदाय के सदस्‍यों को समुचित दस्‍तावेज मुहैया कराए जाने के मुद्दे पर चर्चा की गई। शिष्‍टमंडल ने शिकायत की कि ऐसे दस्‍तावेज के अभाव में उन्‍हें कभी कभार विदेशी या अवैध नागरिक या गैर-स्‍थानीय मान लिया जाता है। उन्‍होंने शिकायत की कि ऐसे दस्‍तावेजीकरण के अभाव में कई राज्‍यों में उन्‍हें मतदाता सूची में सूचीबद्ध करने से भी वंचित किया गया है।
शिष्‍टमंडल के सदस्‍यों ने गोरखा समुदायों के लिए ओबीसी (अन्‍य पिछड़े वर्ग) दर्जा दिए जाने की मांग की तथा आग्रह किया कि विभिन्‍न प्रोत्‍साहनों एवं अवसरों में उन्‍हें उचित हिस्‍सा दिया जाए। उन्‍होंने यह भी आग्रह किया कि उत्‍तर पूर्व राज्‍यों में रह रहे गोरखाओं को क्षेत्र के विकास एवं आर्थिक गतिविधि में शामिल किया जाए। शिष्‍टमंडल द्वारा रखी गई अन्‍य मांगों में गोरखा भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने तथा नेपाली भाषा को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक स्‍वदेशी भाषा के रूप में लागू करना शामिल था।
डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने शिष्‍टमंडल की बातें ध्‍यानपूर्वक सुनी। उन्‍होंने कहा कि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय उनकी संवेदनाओं को समझता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि शिष्‍टमंडल द्वारा रखी गई कई मांगे उनके मंत्रालय से प्रत्‍यक्ष रूप से जुड़ी हुई नहीं हैं और इसलिए वह उन्‍हें संबंधित विभागों एवं मंत्रालयों को अग्रसारित कर देंगे।
शिष्‍टमंडल सदस्‍यों के प्रमुख नामों में उत्‍तर प्रदेश के श्री वी.बी थुपू, पश्चिम बंगाल के श्री डी.सी पौडियाल एवं श्री पी.पी. प्रधान, नई दिल्‍ली के श्री गुमान भोज लिम्‍बो, मेघालय के श्री जगन्‍नाथ कोइराला एवं उत्‍तराखंड के श्री भूपेन्‍द्र अधिकारी शामिल थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More