नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की 100वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में भाग लिया।
इस अवसर राष्ट्रपति ने ज्ञानी जैल सिंह को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने उन्हें सच्चा ‘ज्ञानी’ (जो ज्ञान से भरा हुआ है) बताया। राष्ट्रपति ने भारतीय इतिहास, संस्कृति और सभ्यता के बारे में ज्ञानी जैल सिंह की गहरी सूझबूझ का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह एक महान आत्मा थे और उनका इतने ऊंचे पद तक पहुंचना उन अवसरों का सबूत है जिन्हें भारतीय लोकतंत्र भारत के प्रत्येक नागरिक को उसकी सामाजिक स्थिति या वह कहां से ताल्लुक रखता है, देखे बगैर अपने हर नागरिक प्रदान करता है। ज्ञानी जैल सिंह बहुत साधारण और गरीब पृष्ठभूमि से इतनी ऊंचाई तक पहुंचे जो भारतीय लोकतंत्र की महान विशेषता का जीता-जागता सबूत है। उन्होंने एक स्वतंत्रता सेनानी, पंजाब के मुख्यमंत्री, भारत के गृह मंत्री और भारत के राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए की गई उनकी सेवाओं को याद किया। उन्होंने एक सांसद के रूप में भी उनकी भूमिका का स्मरण किया।
ज्ञानी जैल सिंह के जीवन पर आधारित एक वृत्तचित्र और एक पुस्तक ‘फ्रेग्रन्ट रिकलेक्शन्ज़’ (ज्ञानी जैल सिंह पर संस्मरणों और श्रद्धांजलियों का संग्रह) का आज क्रमशः उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी तथा ज्ञानी जैल सिंह की बेटी डॉ. गुरदीप कौर ने विमोचन किया और इनकी पहली प्रतियां राष्ट्रपति को प्रदान की।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में उपराष्ट्रपति, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, ज्ञानी जैल सिंह के परिवार के सदस्य और ज्ञानी जैल सिंह फाउंडेशन के अधिकारी शामिल थे।