नई दिल्ली: मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहां कहा कि हज सब्सिडी समाप्त होने के बाद भी, उन हज यात्रियों को, जो भारत की हज कमेटी के माध्यम से जा रहे हैं, ले जाने वाले एयरलाइंस को इस वर्ष 57 करोड़ रुपये कम का भुगतान किया जाएगा।
नई दिल्ली में आयोजित अनुकूलन सह प्रशिक्षण शिविर में हज समन्वयकों/सहायक हज अधिकारियों/हज सहायकों एवं चिकित्सा कर्मचारियों को संबोधित करते हुए श्री नकवी ने कहा कि 2017 में 1,24,852 हज यात्रियों के लिए हवाई किराये के लिए एयरलाइंस को कुल 1030 करोड़ रुपये का भुगतान किया था जबकि 2018 में भारत की हज कमेटी के माध्यम से जा रहे 1,28,702 हज यात्रियों के लिए हवाई किराये के लिए एयरलाइंस को कुल 973 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
श्री नकवी ने कहा कि हज 2018 के लिए कुल 3,55,604 आवेदन प्राप्त किए गए थे जिसमें 1,89,217 पुरुष एवं 1,66,387 महिला आवेदन शामिल थे। पहली बार भारत से मुस्लिम महिलाएं बिना ‘मेहराम‘ (पुरुष सहयोगी) के भी हज पर रही हैं। इस वर्ष कुल 1308 महिलाएं बिना ‘मेहराम‘ के हज पर जा रही हैं।
पहली बार, हज यात्रियों को आरोहण बिंदुओं का विकल्प भी दिया जा रहा है जिसे बेशुमार रिस्पांस प्राप्त हुआ है।
श्री नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार भारत से रिकॉर्ड 1,75,025 मुसलमान इस वर्ष हज के लिए जा रहे हैं। इनमें रिकॉर्ड 47 प्रतिशत से अधिक महिला यात्री शामिल हैं।
श्री नकवी ने कहा कि पहली बार सऊदी अरब में बड़ी संख्या में महिला हज समन्वयकों/ हज सहायकों एवं खादिम उल हुज्जाजी, चिकित्सकों एवं अर्ध चिकित्सा कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं शहरी विकास मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने अनुकूलन सह प्रशिक्षण शिविर में विस्तार से हज, यात्री, उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं रिहाइश आदि मुद्वों के बारे में जानकारी दी।