नीमच: मध्य प्रदेश नीमच जिले के जावद में हनुमान जयंती के जुलूस पर पथराव के बाद भड़की हिंसा पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन ने शुक्रवार देर रात को कर्फ्यू लगा दिया.
दो पक्षों में हुई इस हिंसा में 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायलों में पुलिस चौकी प्रभारी सहित कई पुलिसकर्मी भी शामिल है. उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया जबकि कई जगहों पर भारी तोड़फोड़ की गई.
विवाद की शुरूआत शुक्रवार दोपहर पर जुलूस पर पथराव के बाद हुई. जुलूस जैसे ही खुर्रा चौक पर पहुंचा उस पर असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया. इससे जुलूस में शामिल लोगों में भगदड़ मच गई और कुछ ही देर में दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया. पुलिसकर्मियों के पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं होने की वजह से यह टकराव बढ़ता चला गया. उपद्रवियों ने 10 से ज्यादा दुकानों और वाहनों में आग लगा दी.
शुरूआत में पुलिसबल की कमी की वजह से उपद्रवियों को खुला मैदान मिल गया. बाद में अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचने पर पुलिस ने लाठीचार्ज और अश्रुगैस का प्रयोग कर उपद्रवियों को खदेड़ने की कोशिश की. इसी दौरान कस्बे में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए गए.
आसपास के जिले से अतिरिक्त पुलिस बल और आला अफसरों के मोर्चा संभालने के बावजूद कस्बे में शाम को भी आगजनी की घटनाएं होती रही. कई जगहों पर टकराव की नौबत आने के बाद रात 11 बजे प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने का एलान किया.
जावद में रंगतेरस के मौके पर एक धर्म विशेष के धार्मिक स्थल पर रंग उड़ने के बाद से ही तनाव के हालात थे. 15 दिन से कस्बे में इस तनाव को महसूस किया जा रहा था. हालांकि, पुलिस इस हालात को भांपने में नाकाम रही और हनुमान जयंती के मौके पर निकले जुलूस को कुछ पुलिसकर्मियों के भरोसे छोड़ दिया गया. नतीजा यह रहा कि उपद्रवियों को मनमानी करने का मौका मिल गया और शहर हिंसा की आग में झुलस गया.