नई दिल्ली: केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप पुरी ने आज यहां राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के परिणामों की घोषणा करते हुए विजेताओं को बधाई दी। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तत्वाधान में केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 का आयोजन किया था। इसमें 4203 शहरी स्थानीय निकायों का मूल्यांकन किया गया। 2700 मूल्यांकन कर्मियों ने पूरे देश के 40 करोड़ लोगों से संबंधित स्थानीय निकायों का सर्वेक्षण किया। यह कार्यक्रम 4 जनवरी 2018 से 10 मार्च 2018 तक जारी रहा। 2017 में 434 नगरों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया था। इस अवसर पर सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, एसबीएम-शहरी के मिशन निदेशक श्री वीके जिंदल तथा मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के दौरान 53.58 लाख स्वच्छता ऐप डाउनलोड किये गये हैं तथा 37.66 लाख नागरिकों के फीडबैक का संग्रह किया गया है। 2016 में 73 नगरों में स्वच्छता सर्वेक्षण का संचालन किया गया था। इसमें मैसूर को सर्वाधिक स्वच्छ नगर होने का दर्जा दिया गया था। 2017 में 434 नगरों में स्वच्छता सर्वेक्षण का संचालन किया गया था और इंदौर को सर्वाधिक स्वच्छ नगर का पुरस्कार दिया गया था।
एक स्वतंत्र एजेंसी ने स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य किया है। इसके लिए 3 स्रोतों से आंकड़ें जुटाये गये।
ए सेवा स्तर में हुई प्रगति
बी प्रत्यक्ष निरीक्षण
सी नागरिकों का फीडबैक
2017 की तुलना में स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की भारिता में बदलाव हुआ है जो निम्न है-
सेवा स्तर प्रगति के अंतर्गत स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में एक और घटक जोड़ा गया है-नवोन्मेष और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली
इस सर्वेक्षण में नागरिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नागरिकों के फीडबैक तथा प्रत्यक्ष निरीक्षण को उच्च भारिता दी गयी है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 का फोकस था- स्वच्छ भारत मिशन के अंतगर्त शहरी स्थानीय निकायों की पहलों के परिणाम, नवोन्मेष तथा सततता। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के मुख्य बिन्दु हैं-
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के विस्तृत आंकडें व परिणाम देखने के लिए अंग्रेजी का अनुलग्नकयहां क्लिक करें।