केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के प्रतिष्ठित ड्रिलिंग रिग सागर सम्राट को मोबाइल ऑफशोर प्रोडक्शन यूनिट (एमओपीयू) के रूप में फिर से समर्पित किया। सागर सम्राट पर आयोजित एक समारोह में यह ऐलान हुआ जो मुंबई से 140-145 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। मंत्री ने बाद में ओएनजीसी के ऊर्जा सैनिकों और उनके परिवारों से मिलने के लिए ओएनजीसी केंद्रीय विद्यालय मैदान, पनवेल फेज 1 का दौरा भी किया।
मंत्री ने सागर सम्राट को ड्रिलिंग रिग के रूप में संचालित करने वाले ओएनजीसी के कर्मचारियों और इसे एमओपीयू में बदलने पर काम करने वाली टीम से भी मुलाकात की। उन्होंने सागर सम्राट, जिन्हें उन्होंने ‘राष्ट्र के ऊर्जा सैनिक’ कहा, के दल को भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित किया। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे सागर सम्राट हाइड्रोकार्बन अन्वेषण के मामले में विश्व स्तर पर “बंजर” के रूप में लेबल किए जाने पर भारत के अपने स्वयं के तेल का उत्पादन करने की दृष्टि का प्रमाण है। मंत्री ने कहा कि भारत के सबसे प्रमुख और विपुल तेल क्षेत्र का दोहन करने में, ओएनजीसी ने ज्ञान की खोज, निरंतर उत्कृष्टता और तकनीकी रूप से विकसित होने की इच्छा के लिए खुद को लगातार प्रतिबद्ध किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सागर सम्राट की विरासत उन शहीद अधिकारियों की यादों का भी सम्मान करती है, जिन्होंने ओएनजीसी के लिए और इससे भी महत्वपूर्ण भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।” उन्होंने इस अवसर पर सागर सम्राट के चालक दल और हेलिकॉप्टर घटना के परिवारों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा, “सागर सम्राट का पुन: राज्याभिषेक, री-एलाइनमेंट और इनोवेशन के माध्यम से अनिश्चितताओं और प्राकृति की प्रभावित करने वाली ताकतों का सामना करने के साहस और इच्छा की एक जीती जागती कहानी है। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी न केवल भारत की प्रमुख राष्ट्रीय तेल कंपनी है, बल्कि भारत इंक की प्रमुख कॉर्पोरेट संस्थाओं में से एक है। यह कहते हुए, उन्होंने ओएनजीसी के बारे में भरोसा जताया कि भारत की नंबर 1 राष्ट्रीय तेल कंपनी भारत की नई उम्मीदों और आकांक्षाओं के लिए खुद को रीइन्वेंट जरूर करेगी। उन्होंने आगे कहा कि, भारत के शीर्ष एनओसी के रूप में, देश ओएनजीसी की ओर देख रहा है, जो सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सुविधाजनक नीतिगत वातावरण का अधिकतम लाभ उठाने और भारत के एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन चार्ज का नेतृत्व करने के लिए है।
यह कहते हुए, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने आग्रह किया कि संगठन में नए “की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स’ (केपीआई) पेश करने की आवश्यकता है जो समयबद्ध डिलिवरेबल्स और दक्षता के लिए तैयार हैं। इन केपीआई को तीन महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर ध्यान देने की जरूरत है। ओएनजीसी के पास एक बड़ा तलछटी बेसिन क्षेत्र है, जो आने वाले दिनों में और भी बढ़ जाएगा। यह अनिवार्य है कि यह संगठन डिस्कवरी फील्ड्स, डिस्कवरी फील्ड्स को प्रोडक्शन एसेट्स और प्रोडक्शन एसेट्स को मैक्सिमम प्रोडक्शन एसेट्स में बदलने के लिए अतिरिक्त प्रयास करे। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी की टीमें जो तीन चरणों की विभिन्न प्रक्रियाओं में लगी हुई हैं, उन्हें इन लक्ष्यों की त्वरित उपलब्धियों के लिए खुद को फिर से उन्मुख करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि संगठन को चुस्त, एक्सपीडियंट और कुशल बनाने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि ओएनजीसी, जिसने इस वित्त वर्ष में अच्छा लाभ कमाया है, आर एंड डी और अन्वेषण गतिविधियों में अधिक से अधिक संसाधनों का निवेश करे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार भारत के अन्वेषण क्षेत्र को 2025 तक 0.5 मिलियन वर्ग किमी तक और 2030 तक 1.0 मिलियन वर्ग किमी तक बढ़ाने का इरादा रखती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ‘नो गो’ क्षेत्र को 99% तक कम करने में सफल रही है, जिससे भारत के ईईजेड का एक अतिरिक्त लगभग 1 मिलियन वर्ग कि.मी. अन्वेषण के लिए उपलब्ध हो गया है। शेवरॉन, एक्सॉनमोबिल और टोटल एनर्जी जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारतीय ईएंडपी सेगमेंट में निवेश करने के लिए गहरी दिलचस्पी दिखा रही हैं, और कुछ पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी को मजबूत करने के लिए पहले से ही ओएनजीसी के साथ बातचीत कर रही हैं।
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श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आज की तारीख में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और दुनिया में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता, कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता, चौथा सबसे बड़ा रिफाइनर, पेट्रोलियम उत्पादों का छठा सबसे बड़ा आयातक और पेट्रोलियम उत्पादों का सातवां सबसे बड़ा निर्यातक है। वैश्विक दर 1% की तुलना में 2040 तक भारत की ऊर्जा मांग लगभग 3% प्रति वर्ष बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और जनसांख्यिकीय लाभांश के कारण 2020 और 2040 के बीच वैश्विक ऊर्जा वृद्धि का 25% भारत से आने वाला है। हालाँकि, भारत अपनी पेट्रोलियम आवश्यकताओं का 85% आयात करता है और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर वित्त वर्ष 2021-22 में $120 बिलियन लगभग खर्च किया है। यह बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त किए बिना भारत के अमृत काल को साकार नहीं किया जा सकता है।
हमारी आने वाली पीढ़ियों को ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के बारे में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) व्यवस्था, डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड पॉलिसी, हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी, स्थापना जैसे नीतिगत सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने ओएनजीसी जैसी राष्ट्रीय तेल कंपनी को कार्यात्मक स्वतंत्रता प्रदान की है और एक इलेक्ट्रॉनिक सिंगल विंडो सिस्टम सहित अनुमोदन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके व्यापक निजी क्षेत्र की भागीदारी प्रदान की है।
केंद्रीय मंत्री ने 6 से 8 फरवरी 2023 तक बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र (बीआईईसी), बेंगलुरु में आयोजित होने वाले आगामी भारत ऊर्जा सप्ताह में सभी हितधारकों को आमंत्रित किया, जहां ओएनजीसी मुख्य ड्रॉ में से एक होगा।
सागर सम्राट एमओयूपी के बारे में:
1973 में कमीशन हुए सागर सम्राट को जापान में मित्सुबिशी यार्ड में बनाया गया था और 3 अप्रैल 1973 को हिरोशिमा से यह रवाना हुआ था। इसने 1974 में अरब सागर के मुंबई अपतटीय क्षेत्र में ओएनजीसी का पहला ऑफशोर वेल खोदा, जिसे तब बॉम्बे हाई कहा जाता था। सागर सम्राट ने ग्लोबल ऑयल मैप पर भारत के तेल भाग्य को बदल दिया। 32 वर्षों में, सागर सम्राट ने लगभग 125 कुएँ खोदे हैं और भारत में 14 प्रमुख ऑफशोर तेल और गैस खोजों में शामिल रहा है। प्रारंभ में एक जैक-अप ड्रिलिंग रिग, सागर सम्राट को अब एक मोबाइल ऑफशोर प्रोडक्शन यूनिट में परिवर्तित कर दिया गया है। टेक्सास में स्थित ब्रिटिश इंजीनियरिंग और परामर्श समूह वुड ग्रुप की मस्टैंग यूनिट ने जहाज के रूपांतरण के लिए फ्रंट-एंड इंजीनियरिंग और डिजाइन का काम किया है।
एमओपीयू सागर सम्राट ने 23 दिसंबर 2022 को उत्पादन शुरू किया। पोत वर्तमान में वेस्टर्न ऑफशोर(डब्ल्यूओ)-16 क्षेत्र में तैनात है, जो मुंबई से 140-145 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। 76 मीटर पानी की गहराई में ओएनजीसी के मौजूदा डब्ल्यूओ-16 वेल हेड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचपी) के निकट स्थित, पोत डब्ल्यूओ क्लस्टर में सीमांत क्षेत्रों से उत्पादन में सहायक होगा जिससे पश्चिमी अपतट से उत्पादन में वृद्धि होगी। एमओपीयू को प्रति दिन 20,000 बैरल कच्चे तेल को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी अधिकतम निर्यात गैस क्षमता 2.36 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रति दिन है।
इस अवसर पर ओएनजीसी के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन भी उपस्थित थे।