नई दिल्ली: हरिद्वार में होने वाले सीवेज प्रदूषण के निस्तारण के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कई परियोजनाएँ तैयार कर ली गयी हैं। इसके अंतर्गत हरिद्वार के जगजीतपुर में 110.30 करोड़ रुपये की लागत से 68 एमएलडी के एसटीपी और सराय में 25 करोड़ की लागत से 14 एमएलडी के एसटीपी के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हाइब्रिड.एन्यूटी आधारित पीपीपी मॉडल पर कार्य के टेंडर जारी करने के लिए उत्तराखंड पेय जल निगम को निर्देशित किया गया है।जगजीतपुर में 81.15 करोड़ रुपये की लागत से आई और डी कार्य की शुरुआत की जा रही है। जगजीतपुर में 27 एमएलडी प्लांट के टरटियरी ट्रीटमेंट और सराय में 18 एमएलडी प्लांट के टरटियरी ट्रीटमेंट का डीबीओटी मोड में कार्य शुरू करने के लिए टेंडर जारी करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। 29.75 करोड़ रुपये की लागत से सराय में आई और डी कार्य की शुरुआत की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति द्वारा प्रशासनिक और व्यय संबंधी मंजूरी दी जाएगी।
इसी के अंतर्गत वाराणसी के रमन्ना में 120 करोड़ रुपये की लागत वाले 50 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के क्रियान्वयन के लिए हाइब्रिड.एन्यूटी आधारित पीपीपी मॉडल पर कार्य को 30 दिसंबर 2016 को मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश पेय जल निगम को टेंडर के लिए नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति द्वारा प्रशासनिक और व्यय संबंधी मंजूरी दी जाएगी।
नमामि गंगे कार्यक्रमए गंगा नदी को बचाने का एक एकीकृत प्रयास है और इसके अंतर्गत व्यापक तरीके से गंगा की सफाई करने को प्रमुखता दी गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नदी की सतही गंदगी की सफाई, सीवरेज उपचार के लिए बुनियादी ढांचे, एवं नदी तट विकास, जैव विविधता, वनीकरण और जन जागरूकता जैसी प्रमुख गतिविधियां शामिल हैं।
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