आपको बता दें, कि सावन का महीना हिंदू धर्म के लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण महीना माना जाता
हैं वही सावन आते ही पर्व और त्योहारों की भी शुरूवात हो जाती हैं वही श्रावण मास का महीना भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय हैं वही सावन की अमावस्या को पर्यावरण संरक्षण का महापर्व हरियाली अमावस्या मनाया जाता हैं
वही इस बार अमावस्या तिथि 31 जुलाई और एक अगस्त को दो दिन आने से पर्व की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही हैं वही ज्योतिष के मुताबिक उदयकालीन तिथि मान्यतानुसार एक अगस्त को गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के दुर्लभ संयोग में पूजा अर्चना के बाद पौधरोपण किया जाना शुभ होगा।
वही सावन महीने के कृष्ण पक्ष को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता हैं वही मान्यता हैं कि इस दिन हर मनुष्य को एक पौधा लगाकर उसके संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। वही पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण करने की प्रथा चली आ रही हैं।
जानिए किस समय तक करें पौधरोपण—
वायुमंडल की शुचिता को बनाए रखने के लिए प्रकृति के इस पर्व को प्राचीन काल से ही मनाया जाता हैं मगर इस साल हरियाली अमावस्या की तिथि को लेकर थोड़ी उलझन बनी हुई हैं। आपको बता दें, कि 31 जुलाई को अमावस्या सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर शुरु हो गई हैं, वही इस स्थिति में ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्योदय व्यापिनी तिथि को ही महत्व दिया गया हैं इस स्थिति तें 1 अगस्त को सूर्योदय के बाद पौधरोपण और पूजन अर्चन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होगी।