लखवार: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज उतराखंड में लखवार बहुउद्देशीय परियोजना
स्थल का दौरा किया और परियोजना स्थल से ही उन्होंने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती से कोष स्वीकृति के संबंध में दूरभाष पर बात की। मुख्यमंत्री को सुश्री उमाभारती की ओर से सकारात्मक आश्वासन मिला।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1976 में भारत के योजना आयोग द्वारा इस डैम के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। इस परियोजना का मुख्य उद्देशय हरियाणा, उत्तराखण्ड, उत्तर-प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली तथा राजस्थान राज्यों को सिंचाई, घरेलू एवं औद्योगिक कार्यों के लिए पानी की आपूर्ति कराना है। इस परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 1987 में आरम्भ हुआ और वर्ष 1992 तक केवल 30 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ। धन के अभाव में इस परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 1992 से रूका हुआ है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 में इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था। यमुना नदी के जल को लाभ पात्र राज्यों में बांटने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अपर यमुना रिवर बोर्ड (यू.वाई.आर.बी.) का गठन किया गया। इन लाभ पात्र राज्यों द्वारा 12 मई, 1994 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू के अनुसार हरियाणा के पानी का हिस्सा 47.82 प्रतिशत निर्धारित किया गया। हरियाणा को लखवार बांध से 1.22 लाख एकड़ फीट अतिरिक्त जल मिलना प्रस्तावित है।
लखवार बहुउद्देशीय परियोजना से 612.93 मिलियन यूनिट विद्युत प्रतिवर्ष का उत्पादन होगा। इस परियोजना से बाढ़ को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी और नदी में नियंत्रित जल का प्रवाह होगा।
इस परियोजना पर अब तक 392 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जा चुकी है। वर्ष 2012 के मूल्यों के आधार पर परियोजना की जल घटक पर कुल अनुमानित लागत 2578.23 करोड. रूपये है। केंद्र सरकार इस परियोजना के खर्च का 90 प्रतिशत वहन करेगी। इस परियोजना में निवेश स्वीकृति के अलावा केन्द्र सरकार की अन्य समस्त स्वीकृतियां प्राप्त कर ली गई हैं।