चंडीगढ़. हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल (Doctors’ Strike In Haryana)के बीच राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (ESMA) लगा दिया है. राज्य के गृह मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी. सरकार द्वारा ESMA लागू करने के बाद स्वास्थ्यकर्मी अगले 6 महीने तक हड़ताल या धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे. सरकार ने कहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोरोना संक्रमण (Covid-19 In Haryana) के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर असर ना पड़े.
राज्य में ESMA लगाए जाने की जानकारी देते हुए गृह मंत्री विज ने लिखा, ‘हरियाणा में एस्मा लागू कर दिया गया है, अब 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे स्वास्थ्य कर्मी . यह कदम करोना की रोकथाम में बाधा डालने के लिए डॉक्टरों के एक समूह द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण उठाया गया है.’
दरअसल, हरियाणा में मंगलवार को राज्य में डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर ओपीडी सेवाएं बंद रखीं. इसकी वजह से कई जगहों पर मरीज अस्पताल से लौट कर गए. डॉक्टरों के संगठन ने कहा था कि अगर 11 जनवरी के बाद दो दिन तक मांगों पर सरकार और उनके बीच सहमति नहीं बनी तो वह 14 जनवरी से पूरी तरह हड़ताल पर चले जाएंगे.
क्या है डॉक्टर्स की मांग?
हड़ताल पर गए डॉक्टरों की मांग थी कि स्पेशलिस्ट कैडर बनाकर सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट की भर्ती हो, सरकार डॉक्टर्स को स्पेशलिस्ट की ट्रेनिंग दी जाए और सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) की सीधी भर्ती को रोका जाए. इसके साथ ही डॉक्टर्स की मांग है कि केंद्र सरकार के नियमानुसार अन्य राज्यों की तरह ही उनकी भी तन्ख्वाह हो.
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉक्टर एमपी सिंह ने इस हड़ताल पर कहा था ‘हम SMOs की सीधी भर्ती और पोस्ट ग्रेजुएशन पॉलिसी में संशोधन के लिए आंदोलित हैं.’ डॉक्टर्स की मांग थी कि ग्रामीण और प्रैक्टिसिंग डॉक्टर्स के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन सीट्स में 40 फीसदी का आरक्षण होना चाहिए.
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