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केंद्रीय गृह सचिव के अनुसार बाधा –मुक्त वीजा व्यवस्था का लक्ष्य देश में विदेशी पर्यटकों की यात्रा सुखद बनाना है

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह सचिव श्री राजीव गौबा ने कहा है कि वीजा व्यवस्था को बाधाओं से मुक्त करने के पीछे सरकार का लक्ष्य देश में विदेशी पर्यटकों की यात्रा और प्रवास को सुखद बनाना हैं। आज नई दिल्ली में “भारत की वीजा व्यवस्था को सुचारू बनाना” विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने वीजा व्यवस्था को उदार बनाने की दिशा में किए गए विभिन्न नीतिगत उपायों की जानकारी दी। उन्होने कहा कि नागर विमानन, पर्यटन,स्वास्थ, उच्चतर शिक्षा जैसे विभिन्न मंत्रालयों और संबद्ध पक्षों की चिन्ताओं और सुझावों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक उपाय किये गए हैं।

इस बात पर बल देते हुए कि भारत में शिक्षा और पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनने की क्षमता है, श्री गौबा ने फील्ड स्तर पर मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि विदेशी नागरिक देश में आकर बेहतर महसूस करें। उन्होंने कहा कि अनुकूल वीजा व्यवस्था से व्यापार में सुगमता लाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू की गई ई-एफआरआरओ व्यवस्था विदेशी नागरिकों को वीजा संबंधी 27 सुविधाएं प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि ई-वीजा सुविधा अब 166 देशों में उपलब्ध है और विदेशी यात्री पर्यटन, व्यापार, स्वास्थ, चिकित्सा उपचार और सम्मेलन जैसे प्रयोजनों के लिए 72 घंटों के भीतर ऑनलाइन वीजा प्राप्त कर सकते हैं।

पिछले 4 वर्षों में जारी किये गए ई-वीजा की संख्या में भारी बढोतरी हुई है। 2015 में 5.17 लाख ई-वीजा जारी किये गए थे। ये संख्या 30 नवंबर 2018 तक बढ़कर 21 लाख पर पहुंच गई। आज जारी किये जाने वाले कुल वीजा में करीब 40 प्रतिशत ई-वीजा प्रणाली के जरिए जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली दिन-ब-दिन लोकप्रिय हो रही है और उम्मीद है और जल्दी ही 50 प्रतिशत वीजा इसके जरिए किये जाने लगेंगे।

 वीजा व्यवस्था को उदार बनाने की दिशा में किए गए कुछ अन्य उपायों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि  इन्टर्नशिप वीजा मंजूर करने में छूट दी गई है, जिसका लाभ देश में अध्ययनरत कोई भी विद्यार्थी उठा सकता हैं। इसके अतिरिक्त व्यापार वीजा की अवधि में 5 वर्ष से अधिक विस्तार, आपात स्थिति में देश में पहले से विद्यमान किसी विदेशी को अपने वीजा को चिकित्सा श्रेणी में बदलने की सुविधा प्रदान करना और सम्मेलन में हिस्सा लेने आए विदेशियों को लंबी अवधि के वीजा की अनुमति देने, जैसे उपाय भी किये गए हैं।

श्री गौबा ने कहा कि सम्मेलन में प्राप्त सुझावों का इस्तेमाल वीजा व्यवस्था को भविष्य में और उदार बनाने के लिए किया जायेगा, जिसकी प्रकिया पहले से जारी है। सम्मेलन में गृह मंत्रालय, नागर विमानन, पर्यटन, सूचना और प्रसारण, सुरक्षा एजेंसियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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