देहरादून: एचसीएल फाउंडेशन के महत्वाकांक्षी सीएसआर प्रोजेक्ट, समुदाय ने यूपी के हरदोई जिले के 15 गांवों में 14 सोलर मिनी ग्रिड कीस्थापना के लिए पिछले एक साल में 30 करोड़ रु. से ज्यादा का निवेश किया है। इस निवेश का उद्देश्य 900 ग्रामीण घरों को लगातार बिजली उपलब्ध कराना है।संगठन इन ग्रिड्स के रखरखाव के लिए अगले पाँच सालों तक हर साल 3 करोड़ रु. भी खर्च करेगा।
भारत में बिजली की कमी को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने के तरीकों पर एक राउंड टेबल वार्ता में बोलते हुए एचसीएल समुदाय के एसोशिएटप्रोजेक्ट डायरेक्टर, आलोक वर्मा ने मिनी-ग्रिड्स प्रोजेक्ट के विवरण दिए। उन्होंने कहा, ‘‘एचसीएल समुदाय उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से हरदोई जिले केतीन ब्लॉक्स – कछौना, बहंदर और कोठावन में सौर बिजलीकरण कार्यक्रम पर काम कर रहा है। हमारा विश्वास है कि 15 गांवों में हमारे सौर पॉवर प्रोजेक्टों मेंगरीब पृष्ठभूमि के हजारों लोगों की जिंदगी में परिवर्तन लाने की सामर्थ्य है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे प्रयास भारत सरकार के इस विज़न के अनुरूप हैं कि देशकी 40 प्रतिशत जरूरतें रिन्यूएबल संसाधनों से पूरी की जानी चाहिए।
आलोक वर्मा ने कहा, ‘‘एचसीएल समुदाय में हमारा मानना है कि सुविधाओं से वंचित रहने वाले गांवों में सौर ऊर्जा पहुंचाकर हम अनेक संबंधित क्षेत्रों में भीगहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इसमें स्वास्थ्य सुविधाओं और शैक्षिक संस्थानों के कार्य में सुधार, अंडरग्राउंड पाईप्स ठीक कर पेयजल उपलब्ध कराना, मिनी वॉटरपंपों को बिजली देकर कृषि में सहयोग और प्रोसेसिंग एवं रेफ्रिजरेशन सिस्टम को बिजली प्रदान करके मछली पालन, दूध उत्पादन आदि के माध्यम सेआजीविका के साधन बढ़ाना शामिल है।’’
एचसीएल फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस राउंडटेबल में भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में काम करने वाले 70 से ज्यादा हाई-प्रोफाईल हितधारकों ने हिस्सालिया, जिनमें डालमिया भारत फाउंडेशन के सीईओ, श्री विशाल भारद्वाज; श्नीदर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन के सीओओ, श्री अभिमन्यु साहू; सरल ऊर्जानेपाल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री बिशाल थापा; मार्ट के संस्थापक, श्री प्रदीप कश्यप; स्मार्ट पॉवर इंडिया के डायरेक्टर- प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन, श्रीसमित मित्रा और क्लैरो एनर्जी के को-फाउंडर एवं डायरेक्टर, श्री गौरव कुमार शामिल हैं।
इस राउंडटेबल में जिन मुख्य समस्याओं पर वार्ता की गई, उनमें भारत में ऊर्जा के संकट का समाधान करने के लिए सतत बिज़नेस मॉडल की स्थापना,स्थानीय समुदायों के बीच उद्यमशीलता के दृष्टिकोण का विकास, ताकि वो विस्तार कर बिना किसी बाहरी मदद के सौर ग्रिड चला सकें और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक परिवेश का निर्माण शामिल हैं। वक्ताओं ने जमीनी स्तर पर काम करने के अपने अनुभव बताए तथा कॉर्पोरेट, सरकार एवं नॉन-प्रॉफिट संगठनों के बीच सहयोग से सौर बिजलीकरण के कार्यक्रमों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
एचसीएल फाउंडेशन के समुदाय प्रोजेक्ट का उद्देश्य छः मापदंडों पर केंद्रित होकर हरदोई में मॉडल ग्राम का विकास करना है। ये छः मापदंड हैं – बुनियादी ढांचा, कृषि की विधियां, आजीविका, वॉश (वाटर, सैनिटेशन एवं हाईज़ीन), स्वास्थ्य एवं शिक्षा। सौर बिजलीकरण कार्यक्रम इस प्रोजेक्ट के तहत समुदाय द्वाराचलाया गया एक बड़ा अभियान है। इसका उद्देश्य गांवों में, खासकर स्वास्थ्य केंद्रों और स्कूलों में बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
एचसीएल समुदाय के बारे में
एचसीएल समुदाय की स्थापना 2014 में की गई। यह एचसीएल फाउंडेशन का एक प्रयास है, जिसका उद्देश्य एक सतत, स्केलेबल एवं दोहराने योग्य मॉडल काविकास करना है – ऐसा मॉडल, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए एक सोर्स कोड बने। वर्तमान में यह छः सेक्टरों – कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, आजीविका एवं वॉटर, सैनिटेशन और हाईज़ीन (वॉश), में राज्य सरकार, ग्रामीण समुदायों, एनजीओ, शैक्षिक संस्थानों और सहयोगी संस्थानों की मदद से किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य उपरोक्त वर्णित छः सेक्टरों में चयनित किए गए गांवों में अथक प्रयासों द्वारा ग्रामीण भारत के उत्थान के लिए विकास के सतत मॉडलों की पहचान व निर्माण करना है।
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