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एचसीएल फ़ाउंडेशन और अभिनव बिंद्रा फ़ाउंडेशन ट्रस्ट ने जमीनी स्तर के होनहार युवा खिलाड़ियों की क्षमता को बाहर लाने के लिए साझेदारी की घोषणा की

उत्तराखंड

देहरादून: भारत में एचसीएल-टेक की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के एजेंडे को अमल में लाने वाली शाखा, एचसीएल फ़ाउंडेशन और अभिनव बिंद्रा फ़ाउंडेशन ट्रस्ट (एबीएफटी) ने पूरे भारत में वंचित समुदायों के होनहार युवा खिलाड़ियों की पहचान करने और उन्हें अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए साझेदारी की घोषणा की है, ताकि उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में बराबरी का मुकाबला करने के लिए तैयार किया जा सके।

एचसीएल फ़ाउंडेशन और एबीएफटी ने इस साझेदारी के तहत 10 से 16 साल की उम्र के 45 खिलाड़ियों का चयन किया है। ये सभी एथलीट अलग-अलग खेलों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें फुटबॉल, एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, कबड्डी, क्रिकेट, रग्बी, मुक्केबाजी और वॉलीबॉल शामिल हैं। इनमें से, 10 सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली एथलीटों को एबीएफटी के एक साल के STEAM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, एनालिटिक्स, मेडिसिन) कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इन एथलीटों को बेंगलुरु तथा दिल्ली में स्थित एबीएफटी के केंद्रों में अव्वल दर्जे के प्रदर्शन एवं विकास के लिए कोचों की निगरानी में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में फिजियोथेरेपी, मानसिक सेहत, चोट से उबरना, स्वास्थ्य-लाभ, सामर्थ्य और कंडीशनिंग शामिल है। शेष 35 एथलीटों को एबीएफटी के वैज्ञानिक मूल्यांकन कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा, जिसमें एथलीटों और कोचों के लिए प्रशिक्षण योजना को उनकी आवश्यकता के अनुरूप बनाया जाता है। एबीएफटी की टीम की ओर से प्रशिक्षकों के लिए मूल्यांकन की अहमियत, प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान के लिए डेटा के उपयोग के साथ-साथ एथलीटों के लिए चोट से उबरने और पोषण के महत्व पर नियमित रूप से क्षमता-निर्माण सत्र का आयोजन किया जाएगा।

एचसीएल फ़ाउंडेशन ने अपनी ‘स्पोर्ट्स फॉर चेंज’ पहल के तहत एबीएफटी के साथ साझेदारी की है, जिसमें वंचित समुदायों के बच्चों एवं युवाओं की संतुलित भागीदारी, बेहतरीन प्रदर्शन और समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है। आज तक, 27,000 से अधिक बच्चों एवं युवा खिलाड़ियों को इस कार्यक्रम से लाभ मिल चुका है। फ़ाउंडेशन की इस पहल के माध्यम से सहायता पाने वाले 13 खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि 42 अन्य खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया। एचसीएल फ़ाउंडेशन स्पोर्ट्स स्कॉलर, जेरलिन अनिका को बैडमिंटन में अपनी उपलब्धियों के लिए साल 2022 में अर्जुन पुरस्कार मिला, जो यह पुरस्कार पाने वाली भारत की पहली महिला डेफ्लिम्पियन बनीं। जेरलिन ने साल 2022 में ब्राजील में आयोजित डेफ्लिम्पिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया और तीन स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने थाईलैंड में एशिया पैसिफिक यूथ बैडमिंटन चैंपियनशिप और एशिया पैसिफिक डेफ बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी छह स्वर्ण पदक जीते।

ओलंपिक चैंपियन और अभिनव बिंद्रा फ़ाउंडेशन ट्रस्ट संस्थापक, अभिनव बिंद्रा व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “हम भारत में खेलकूद के परिवेश को मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई इस अभूतपूर्व पहल में एचसीएल फ़ाउंडेशन के साथ साझेदारी करके बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं। हम एथलीटों के विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना चाहते हैं, जो उन्हें खेल में उच्चतम स्तर की सफलता हासिल करने में सक्षम बना सके। सभी को शामिल करने के नजरिए से शुरू किए गए इस कार्यक्रम में समाज के कमजोर तबके के एथलीटों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिसके तहत समग्र प्रशिक्षण और विकास के लिए वैज्ञानिक तरीके से तैयार किए गए कार्यक्रम को सभी के लिए किफायती और सुलभ बनाया गया है।”

डॉ. निधि पुंढीर, वाइस प्रेसिडेंट, ग्लोबल सीएसआर, एचसीएल फ़ाउंडेशन, ने कहा, “अभिनव बिंद्रा फ़ाउंडेशन ट्रस्ट के साथ हमारी इस साझेदारी से युवाओं को अपनी पूरी क्षमता को बाहर लाने के लिए जरूरी संसाधन और मार्गदर्शन उपलब्ध होगा। हम शीर्ष स्तर के अंतर्राष्ट्रीय एथलीट तैयार करने के उद्देश्य से एक ओलंपिक विकास कार्यक्रम स्थापित करना चाहते हैं, जिसके लिए हमने दुनिया भर में अपनाए गए सबसे बेहतर तरीकों में अव्वल दर्जे के प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षण और टेक्नोलॉजी की मदद से वैज्ञानिक तरीके से मूल्यांकन को एकजुट किया है। यह सहयोग खेल-कूद के विकास के प्रति हमारी सच्ची लगन और खेल-कूद के जरिए बदलाव लाने की संभावनाओं पर हमारे अटल विश्वास को दर्शाता है।”

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