16.3 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

एचसीएल फाउंडेशन ने बच्चों के लिए ‘जनरेशन फॉर क्लाइमेट एक्शन (जेनकैन)’ पहल की शुरुआत की

उत्तराखंड

देहरादून: एचसीएल फाउंडेशन, एचसीएल टेक की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) शाखा ने आज अपने प्रमुख कार्यक्रम, एचसीएल हारिट- द ग्रीन इनिशिएटिव के माध्यम से स्कूलों में जलवायु कार्रवाई पर जागरूकता और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (सीईई) के साथ पार्टनरशिप में एक राष्ट्रीय स्तर की ‘जनरेशन फॉर क्लाइमेट एक्शन’ (जेनकैन) पहल की शुरुआत की।

पृथ्वी दिवस उत्सव को चिह्नित करते हुए, इस पहल का उद्घाटन डॉ. निधि पुंढीर, उपाध्यक्ष, ग्लोबल सीएसआर और निदेशक, एचसीएल फाउंडेशन, श्री कार्तिकेय साराभाई, निदेशक सीईई, डॉ. सुनीता फरक्या, प्रोफेसर और प्रमुख, विज्ञान और गणित शिक्षा विभाग, एनसीईआरटी, डॉ. अशोक खोसला, चेयरमैन, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स, डॉ. प्रतिभा सिंह, वॉश, सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज स्पेशलिस्ट, यूनिसेफ इंडिया और श्री सैम बैरेट , यूथ, एजुकेशन एंड एडवोकेसी यूनिट, यूएनईपी के प्रमुख जैसे सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया।

इस राष्ट्रीय लॉन्च में 200 से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, नौ छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव पैनल को भी आयोजित किया गया जहां छात्रों ने उन कार्यों के बारे में बताया जो वे घर और स्कूल में एक हरियाली से भरे ग्रह को बनाने के लिए कर रहे हैं।

जनरेशन फॉर क्लाइमेट एक्शन इनिशिएटिव 10 महीने का स्कूल-आधारित जलवायु शिक्षा और कक्षा 6 से 12 के लिए एक्शन लर्निंग प्रोग्राम है। यह कार्यक्रम अप्रैल-मई 2023 में शुरू किया जाएगा और फरवरी 2024 में विजेताओं की घोषणा के साथ इसका समापन होगा।

इस पहल में भारत भर में फैले 50-70 सरकारी स्कूल शामिल होंगे, जहां लगभग 2,500-3,000 बच्चों को लक्षित किया जाएगा।

कार्यक्रम स्कूली बच्चों को जलवायु परिवर्तन पर आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने के साथ स्कूल के कार्बन फुटप्रिंट में कमी की दिशा में व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई करने का प्रयास करेगा।

इस पहल से शिक्षकों की क्षमता भी बढ़ेगी जिससे वो छात्रों के दैनिक जीवन में कार्बन न्यूट्रल प्रैक्टिस को सफलतापूर्वक संलग्न कर पाएंगे।

कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, छात्रों को बनने के लिए सही कौशल दिया जाएगा

o   क्लाइमेट साक्षर – जलवायु परिवर्तन विज्ञान और चिंताओं के बारे में ज्ञान, दृष्टिकोण और मूल्यों का निर्माण करना

o   क्लाइमेट डिटेक्टिव – स्कूल के कार्बन फुटप्रिंट का पता लगाना और खोजना

o   क्लाइमेट हीरो – एक स्कूल क्लाइमेट एक्शन प्लान तैयार करना और इसके कार्बन फुटप्रिंट को ऑफसेट करने के लिए कार्य करना

o   क्लाइमेट रिपोर्टर – डॉक्यूमेंट और घटनाओं पर रिपोर्ट बनाना

पानी, ऊर्जा, अपशिष्ट, जैव विविधता और धारणीय प्रथाओं जैसे विभिन्न विषयों के आधार पर, प्रत्येक भाग लेने वाले स्कूल से एक शिक्षक कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में सेवा प्रदान करेगा और 6वीं से 12वीं कक्षा के 5-8 छात्रों के समूह के साथ काम करेगा।

इस चुनौती की प्रक्रिया को पूरा होने में 8-9 महीने का समय लगेगा। एक बार जब स्कूल पंजीकृत हो जायेंगे, तो 1 या 2 संरक्षक शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए नामित किया जाएगा, जिसके बाद अंतिम मूल्यांकन जमा करने से पहले अन्य युवा क्लाइमेट लीडर्स के साथ कई दौर की चर्चा और बातचीत की जाएगी।

अनुकरणीय कार्य को वार्षिक ‘हरित क्लाइमेट लीडरशिप अवार्ड्स’ से मान्यता दी जाएगी, और हरित क्लाइमेट लीडर्स के लिए एक वार्षिक शिविर आयोजित किया जाएगा। क्लाइमेट एक्शन पर सर्वोत्तम प्रथाओं, समाधानों और केस स्टडीज का एक सार-संग्रह भी प्रकाशित किया जाएगा। सभी छात्र नेताओं, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों और स्कूलों को भागीदारी का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

डॉ. निधि पुंढीरवाइस प्रेसिडेंटग्लोबल सीएसआरएचसीएल फाउंडेशन ने कहा,”जैसा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से परेशान है, यह जरुरी है कि हम इस विश्वीय मुद्दे के प्रभाव को कम करने के लिए अपने स्कूली बच्चों को सही मूल्यों से शिक्षित करें और उनमें संस्कार डालें। एचसीएल फाउंडेशन पर्यावरण के संरक्षण के लिए अथक रूप से काम कर रहा है और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन के साथ हमारी पार्टनरशिप सामुदायिक पार्टनरशिप के जरिए जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का विस्तार करती है। यह पहल एक ऐसी पीढ़ी में स्थिरता पर सकारात्मक विचारों और गतिविधियों को बढ़ावा देगी जो हमारी विरासत को विरासत में देगी।

श्री कार्तिकेय साराभाईनिदेशक सीईई ने कहा, “इस पहल के माध्यम से हमारा मिशन स्कूलों, शिक्षकों और छात्रों को आज की जलवायु चुनौतियों का समाधान करने के लिए सपोर्ट देना और सज्जित करना है। पहल की शुरुआत सही समय पर की जा रही है जब स्थिरता और जलवायु परिवर्तन शिक्षा की भूमिका को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा नीति और अन्य सरकारी पहलों में मान्यता दी गई है”।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More